वो बेपरवाह है तो क्या हमें मोहब्बत उससे है,
दिल की भले अनदेखी हो दिल तो समझने से है.-
मिट रहे हैं तिल तिल आरज़ूएं फिर भी नई नई,
चाहतों पे है चाहते हासिल फिर भी कुछ नहीं.-
आना है 'गर तुम्हें दिल में तो आना तसल्ली से,
ना आना ऐसे के मुस्तक़िल ना अपना साथ रहे.-
जिंदगी में अगर सुकून ज़्यादा हो जाएगा,
फिर दूर मेरी किश्ती से किनारा हो जाएगा,
कहांँ जाऊंँगा इतनी फ़राग़त को लेकर के मैं,
यहीं रहा तो मुश्किल मेरा गुज़ारा हो जाएगा.-
चेहरे पे हंसी थी और खुशगवार था दिल,
अब ख़फ़गी उनकी हमें नाशाद कर रही है.-
तेरे ख्यालों से गुज़र के कलम ने कुछ हरकत की,
वगरना कहां मुमकिन था हर्फ़ों का अश'आर हो जाना.-
ढक रक्खा है बदन ने मुझे,
बदन नहीं मैं कुछ और हूंँ,
सब रस्मों रिवायतों से इतर,
बंधन नहीं मैं कुछ और हूंँ,
दिल ना ही धड़कन हूँ मैं,
हर एहसास से परे मैं कुछ और हूंँ,
मैं हूंँ जान भी अंजान भी सबसे,
बस इंसान भर नहीं मैं कुछ और हूंँ.-
जान मैं ने देखा था तुझसे पहले जी कर भी,
जीने में वो लुत्फ नहीं था न तबी'अत में वो रंगत थी.-