Mr Monk   (Martian)
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A wild yogi
Joined 2 September 2018


A wild yogi
Joined 2 September 2018
29 JUN 2020 AT 0:46

दो आँखों में दो ही आँसू,
एक 'तेरे' खातिर एक 'मेरे' खातिर।

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12 APR 2020 AT 15:54

मैं खुद को शायर तो नहीं कहता मगर,
शिकस्त दिल से निकले लाफ्ज़ों से मैंने शिकस्त दिल जीते है।

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4 APR 2020 AT 15:18

बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ।

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2 APR 2020 AT 8:36

कभी गिरे जो अश्क़ आँखों से तो खुद ही पोंछ लेना,
कोई दूसरा अगर आया तो सौदा ज़ुरूर करेगा।

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30 MAR 2020 AT 19:16

बात करना चाहता हूँ पर अब मन नहीं है,
किसी को कुछ कहना चाहता हूँ पर अब मन नहीं है,
अपने सारे गमो को छोड़ कर, दुनिया से मुँह मोड़ कर तुझे से एक बार फिर इश्क़ करना चाहता हूँ,
पर अब मन नहीं है,
दिल की धड़कनो को झूठी तस्सली दे कर, अपने वादों को बे-मन तोड़ कर एक बार फिर तुझसे मिलना चाहता हूँ,
पर अब मन नहीं है,
मेरा हाथ छोड़ कर मेरा दिल तोड़ कर तुम बेशक़ मुझे भूल जाओ,
पर तुम्हे भूलाने का अभी मेरा मन नहीं हैं,


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30 MAR 2020 AT 18:57

कुछ तो है जो मैं छुपाना चाहता हूँ,
कुछ तो है जो मैं कहना चाहता हूँ,
एक अरसे से वो जो तेरी हँसी छुपा रखी है मैंने दिल के किसी कोने में आज उस हँसी को तुझे वापस लौटना चाहता हूँ,
भर चुका है अब मेरा ये नन्हा दिल, इस दिल वो हर एक ख़ुशी वापस लौटना चाहता हूँ,
कुछ अब भी दबा है सीने में अगर इजाजत हो तो आज हर एक राज़ खोलना चाहता हूँ,
कुछ तो ज़ुरूर है जो आज मैं तुझसे कहना चाहता हूँ,
तुझे तेरा हर एक वादा लौटा कर खुद को सच्चाई से रूबरू करवाकर कुछ तो है जो आज मैं कहना चाहता हूँ,
माना ये दिल टूट गया तेरा साथ छूट गया पर अब ये आँसू का सैलाब रोक कर तुझसे मुँह मोड़ कर अब मैं भी कुछ पल सुकूँ की नींद सोना चाहता हूँ,
आज मैं तुझसे किये हर एक वादे को तोड़ना चाहता हूँ,
बहुत कुछ है जो मैं ज़माने से छुपाना चाहता हूँ,
आज बहुत कुछ है जो मैं खुद से कहना चाहता हूँ।

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28 MAR 2020 AT 16:49

खुद को बर्बाद कर बेशर्मी से मुस्कुरा रहा हूँ मैं,
खुद से हर रोज़ लड़ के खुद को काबिल बना रहा रहा हूँ।

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13 MAR 2020 AT 22:47

बहुत दिलों को सताया है तूने ए-ज़ालिम,
मुझे ये डर है के कोई शख्श तुझे बद'दुआ ना दे

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13 MAR 2020 AT 22:44

अब तुमसे बातें होती भी है तो बस उस खुदा के जरिये
महज़बीं,
ये बात अलग है कि उन बातों में मैंने खुदा से तेरी हरक़तों का एक भी शिकवा नहीं किया

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1 MAR 2020 AT 0:03

बुरा हूँ मगर सच कहता हूँ,
शायद इसही लिए कुछ आपनो से दूर हूँ

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