कभी कभी ना बंदा बहुत हार जाता है अंदर से बाहर से दिखता है, हँसता खेलता इंसान अंदर से होता है अकेला खाली इंसान । तब ना मन करता है हार जाए ओर छोड़दे सब कुछ उसी वक़्त ख्याल आता कि यार हारने के लिए तो ये सब शुरू नहीं किया था .. तो जब-तक जीतेंगे नहीं तब तक छोडेंगे नहीं ।।