आज कल सपनों में भी बात नहीं होती
लगता है शहर में उसके रात नहीं होती-
Search on Google- mr kaushik quot... read more
मैं इस बात से खफा नहीं हूँ कि तू मेरे पास नहीं है
अफसोस तो इस बात का है कि तू भी कोई खास नहीं है-
बर्फ सा सीना लिए पहुँचे नजदीक उस आग के
देखते ही देखते हम आंखों से पिघल गए,
वो खरीदने निकले थे इश्क़ बाजार में,
हम भी बेग़ैरत बेचने निकल गए।-
घर की जिम्मेदारियां सोने नहीं देती
सब कुछ छोड़कर किसी एक का होने नहीं देती
ये झूठी मुस्कुराहट बडा दुख दे रही है
इसकी ये आदत चेन से रोने नहीं देती।-
चिराग वो मोहब्बत के अब बुझने लगे हैं,
बढते कदम उस ओर अब रुकने लगें हैं
ये जन्नत ये जहन्नुम की बातें सुनने में अच्छी है
वरना दीदार वो जन्नत के अब चुभने लगें हैं-
वो पहाड़ वो पर्वत वो नदी वो लहर
वो रात वो नींद वो सपनों का कहर
वो घर वो गाँव वो गली वो शहर,
वो दर्द वो इश्क वो तड़प वो ज़हर।-
भरे बाजार कत्ल किया उसने मेरा, मेरे दिल ने मुझे ही कसूरवार कर दिया,
सबूत गवाह सब मुकर गए, और जांचने वालो ने आत्महत्या करार कर दिया।-
पुराने जख्मों पर आज हमने नया मरहम लगाया है,
यादों की अंधेरी रात में जश्न का दीपक जलाया है,
रूठे थे पिछले कई साल हमसे
इसलिए आज हमने नया साल मनाया है ।-
मेरी बर्बादी का नजारा देख रहा है कोई,
शायद मेरे जलते दिल पर हाथ सेक रहा है कोई,
क्या इल्जाम लगाऊं मैं दूसरों पर,
यहां तो अपना ही पत्थर फेंक रहा है कोई।-
हमने तो अपने दर्द बताने शुरू ही किए थे ,
कि महफ़िल में लोग वाह वाह करने लगे।-