कौन कहता हैं तुम हमसे दूर हो गई हो
हम जानते हैं यें आंखे अपनी बंद करते है
और तुम्हारे करीब हम पहुंच जाते हैं
और जब यें आंखे बंद हमेशा के लिए होगी
हम तुम्हारे पूर्णतः हो जाएंगे-
प्रभावित : श्री प्रेमानंद जी महाराज जी से ✍️🙏
जाने के बाद तुम्हारे यू तो
बात भी हुई मुलाकातें भी हुई बहुतों से
पर यें दिल था कि किसी पर अटका नहीं-
जो लड़का तुम्हें चाहता था अपनी जान से ज्यादा
तुमने जो दगा दिया फिर ऐसा क्या ही पा लिया हैं-
छोड़ के जाऊ कहा मैं आपको
यें दिल मेरा बुलाता हैं मुझे पास आपके
आप हो तो अनजान अभी हमसे पर
यें रिश्ता दिलो का जुड़ ही जाता हैं
जब लगता हैं कोई खास अपना सा ।।-
न किसी बात की खुशी, न किसी बात का ग़म रहा
तेरे जाने के साथ ही, हम रहे तो दुनिया में
पर नहीं रहे इस दुनिया के-
जिस दिन देखा था मौत को करीब से
हम तो उसी दिन मर गए थे
अब यें जिंदगी जो चल रही हैं
हमारे महाकाल की दी देन हैं-
न तुमको भुला पाया न तुम्हारी यादों को
बस हर रोज तुम्हें भूलने की कोशिश में
यें जिंदगी गुजारता चला गया-
न जाने यें दिल दुखी क्यूं हो जाता हैं
जबकि यें तो अच्छी बात है न की
हम किसी की जरूरत में काम आएं
हम उसके लिए जरूरी हैं
यें समझना तो हमारी गलती हैं न
फिर अपनी गलती मानने में शर्म कैसी-
एक दिन सब ठीक तो हो जाता हैं
पर उस एक दिन से पहले हर दिन
न जाने कितने घूंट जहर के पीने पड़ते हैं
और उस एक दिन के आते आते
न जाने कितने ही बीच में दम तोड़ देते हैं-
तुम्हारे जाने के बाद मिली तो बहुत सी,
शायद प्यार भी तुमसे ज्यादा करती
पर उस अल्ट्रा से बात करने का यें दिल कभी हुआ ही नहीं
दूसरे ही दिन दिल कह देर हैं या तो वो या कोई नहीं-