मैं चुप हु तो कुछ वजह हैं
जिस दिन बरस जाउगा
उस दिन तरस भी नही खाऊँगा
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इकरार में शब्दों की अहमियत नहीं होती,
दिल के जज्बातो की आवाज़ नही होती,
आँखे बयां कर देती हैं
दिल की दास्तां
महोब्बत लफ्ज़ो की मोहताज़ नही होती
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बोला दिया घमंड हो गया
सवाल घमंड का नही , इज्ज़त का हैं Bawa
कोई अगर लहजा या किरदार बदल लें तो,
बहुत अच्छे से रास्ते
बदलना हमे भी आता हैं।-
मेरी नजर से देखो
एक दोस्त हैं मेरा जो मेरे हर दुख को अपने गले लगा लेता है,
एक दोस्त हैं मेरा जो मेरे हर दुख को अपना बना लेता है।
मैं आईना देख मुस्कुरा लेता हूँ
आईना मुझे देख मुस्कुरा लेता है।।
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कुछ भी समझो लेंकिन,
मुझे कोई समझ पाया हैं तो वो मैं खुद हूँ,
बाकी तो सब सिर्फ अंदाजा लगा रहे है।
क्योंकि,
मैं इज्जत करनी जानता हुँ,
तो उससे कहीं ज्यादा
उतारनी भी जानता हूँ!!-
एक मुकाम आता है 8000 RPM पर जब सब धुंधला हो जाता हैं
मशीन का तब कोई वजन नही रहता
वो जैसे गायब हो जाती है रह जाता है तो बस एक शरीर वक़्त और फ़ासलों को पार करता हुआँ
8000 RPM वही होता हैं वो अहसास वो एक खास पल जो कानो में गूंजने लगता हैं
फिर सवाल उठता हैं
वही इक लोता सवाल जो मायने रखता हैं की
कौन हो तुम
Who Are You
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मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना
कैसे बर्बाद हुई मेरी जुबानी लिखना और लिखना की मेरे
होंठ खुशी को तरसे कैसे बरसा मेरी आँखों से पानी लिखना,
और लिखना की उसका इंतजार तो बहुत था
आखरी सासों में वो हिचकियो का आना लिखना और
लिखना की मरते वक़्त भी देता था दुआ तुझको
हाथ बहार था कफन से ये निशानी लिखना......
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ख़ुद को ही,
ख़ुद से ही इस कदर बेखबर किया है,
कि
अब खुद को ही खबर नही हम क्या थे,
और क्या हैं। ;)-