मोह में हम किसके हैं देखो जरा जिसकी नज़रों में आज तक कोई नहीं उठा लगता है मेरे सारे प्रयत्न धरे के धरे ही रहेंगे जो डूबे उनकी आंखों में तो खुद के भी न रहेंगे
यूट्यूब के दौर में तुम किताब लेकर आए हो धर्मांधों के बीच तुम तर्क लेकर आए हो दिखता सब लाल उन्हें आंखो पर लाल चश्मा है डिग्रियां हैं पास उनके लेकिन ज्ञान अधकचरा है चाहिए उनको ज्ञान पंद्रह सेकंड वाला इतने में तो बच्चा सुसू भी नहीं करने वाला इनको समझाना खुद का सिर पत्थर में मारना न समझाना मतलब खुद पत्थर हो जाना भेंट में अब फूल नहीं बस किताबें देनी होंगी मोमबत्ती कब की बुझ चुकी अब मशाल जलानी होगी !!! किताबों की मशाल !!!