मंदिर में दाना चुग कर चिड़िया
मस्जिद में पानी पीती है..
मैंने सुना है राधा की चुनरी
कोई सलमा बेगम सीती है..
एक रफ़ी था महफ़िल में
रघु पति राघव गाता था..
एक प्रेमचंद बच्चों को ईदगाह सुनाता था..
कभी कन्हैया की महिमा गाता
रस खान सुनाई देता है..
औरों को दिखते होंगे हिंदू और मुसलमान..
मुझे तो हर शख्स के भीतर इंसान दिखाता है.. क्योंकि..
ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है..
जिसका किरदार बुरा है वो इंसान बुरा है..!!
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