Moti Lal Padyal  
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Joined 8 November 2020


Joined 8 November 2020
28 SEP 2021 AT 10:13

कीमत अपनी को मोती पहचाने कैसे
जो इसको चाहें उनको ये जाने कैसे


जिनके पीछे फिरता है मारा मारा
वो पागल हुए बैठे हैँ किसी और के पीछे

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4 SEP 2021 AT 18:05

मेरे लिखे दर्द को वो बड़ी अच्छी शायरी कहते हैँ
वो मेरे अल्फाजों को पढ़कर मेरे दर्द का मज़ा लेते हैँ

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2 SEP 2021 AT 17:40

तूने जिसे खुदा बनाया था मोती
वो काबिल ना था इंसान होने के

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29 AUG 2021 AT 18:15

क्या सच में तुम नहीं जानते
के तुम पर जान छिड़कते हम

क्या तुम सच में नहीं जानते
कि तुम को लाखों में एक मानते हैँ

क्या तुम सच में नहीं जानते
कि तुम पहले हो जिसने मोती को बेचैन किया है

क्या तुम सच में नहीं मानते
कि बेइंतहा मोहब्बत है तुम से हमें

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28 AUG 2021 AT 21:00

ना जाने कौन इतनी शिद्दत से याद कर रहा है
जो ये हिचकियों ने बवाल मचा रखा है

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27 AUG 2021 AT 21:23

समझदारों कि दुनियाँ में मोती नासमझ सा तू
यहाँ कौन सुनेगा तेरी सब सच्चों में इक झूठा सा तू

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24 AUG 2021 AT 22:45

वो ज़ब भी बात करता है
इक बात कहता है कि छोडो हमसे मोहब्बत करना और किसी और से दिल लगा लो हम तुम्हारे हो नहीं सकते

और हम हर बार कह देते हैँ तुम हमारे हो ना सकोगे जानते थे हम पहले से फिर भी मोहब्बत कर बैठे

हम्म जानते हैँ किसी और के दीवाने हो तुम ग़र तुम उसको चाहना छोडो दो
तो कसम तुम्हारी उसी वक़्त से हम भी तुम्हें चाहना छोड़ देंगे
और ये जो तुम मेरी मोहब्बत पर झूठा होने का इल्जाम लगाते हो
सच नहीं जानते या फिर आजमाना चाहते हो

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23 AUG 2021 AT 22:06

तुम सही हो अपनी जगह

तुम चाँद सी और मैं छवों सा
तुम आग सी और और मैं रखा सा

तुम मोम से नरम और मैं पत्थर सा कठोर
तुम सच में हीरा हो और मैं नाम का मोती

तुम को चाहती सारी दुनियाँ चले तुम्हारे साथ प्रिये
मैं ना किसी को भाता सब करते तिरस्कार प्रिये

तुम चाँद सी और मैं छवों सा प्रिये

तुम अपनी जगह सही हो प्रिये

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23 AUG 2021 AT 21:40

मैं सकूँ ढूंढ़ता हूं उसको यादों में रखकर
और वो खुश है किसी और कि यादों में

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22 AUG 2021 AT 22:26

गम इस बात का नहीं मुझे कि मेरी मोहब्बत को पहचान ना पाए तुम

मलाल इस बात का है कि उनको अपना बताया तुमने जो सिर्फ तुम्हारे जिस्म के भूखे थे

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