तसहली होती तुम्हें छुने में लेकिन,
आंखों से तेरी खुबसूरती के जाम पीने का मजा ही अलग है।।-
मेरे दिल ने तुम्हें कुछ इस तरह चाहा है,
कि मुझे एक तरहां प्यार का भी खूब मजा आया है।
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लगता है हम गलतफहमी रखते हैं,
दोस्ती को प्यार का नाम देते हैं,
वो बात भी सब से कर लेती है,
सबकी बातों पे हंस लेती है,
क्या वो भी हम पर मरती है,
या हम ही ये गलतफहमी रखते हैं,
उनकी दोस्ती को प्यार समझते हैं।।-
काजल अब आंसूओं से धुल जाते हैं,
सारे दुख झूठी हसीं से ढक जाते हैं,
जब मां-बाप के घर सुसराल से बदल जाते हैं।।-
अगर तेरी निगाहों का नशा,
बोतल में उतार दे कोई,
तो हम जिंदगी भर मैखाना जाना छोड़ दे।।-
उड़ान पंखो से नहीं इरादों से लगती हैं,
और पतंग हवाओँ से नहीं होसले से उड़ती हैं।।-
क़त्ल आँखों से हुआ, खंजर क्या ढूंढते हो,
पूरा मयख़ाना यहाँ रखा हैं, बोतल कहां ढूंढते हो।।-
दिल का इज़हार है ये,
जो तुम पढ़ नही सकते,
और लफ़्ज़ों से ऊपर होती है मोहबत,
तुम समझ नहीं सकते।।-
माँ कदम रखती गईं,
रोशन ये मकान हो गया,
कल तक था जो खंडहर,
आज आशियाँ हो गया।।-
माँ को याद किया और थोड़ा रो लिए,
बहुत दिन से भारी थे, हल्का हो लिए।।-