Monu Gaur   (✍️Monu Gaur©)
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Joined 12 February 2018


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16 JAN 2024 AT 22:28

बकरियों की खेती,रास नहीं आ रही
चलो अब हाथी का बच्चा पालते हैं

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14 DEC 2023 AT 22:22

उम्र भर जो बना रहा साया
उसपे किसी को तरस ना आया
वो घर से तो निकलता मगर
कभी बाहर नहीं निकल पाया

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8 OCT 2023 AT 16:06

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2 AUG 2019 AT 20:55

गर वक़्त,नीयत और तरीका सही हो,तो
यकीं मानिये,इश्क करना बुरी बात नहीं है

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3 NOV 2020 AT 18:44

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26 OCT 2020 AT 12:17

एक शाम तो आके मिल....

(अनुशीर्षक में पढें)

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7 OCT 2020 AT 21:29

यार तू मेरी बात नहीं मानता है।
या फिर,मुझे यार नहीं मानता है?

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16 SEP 2020 AT 16:40

कंकड मार,मैं देख चुका हूँ।
ताल,समंदर देख चुका हूँ।।
कपडे भीतर नंगी है ये।
सारी दुनियाँ देख चुका हूँ।।

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1 SEP 2020 AT 23:44

लोकतंत्र! जनता मालिक है,और अब ठन सकती है।
गर त्रस्त हुई तो आक्रांत रणचण्डी भी बन सकती है।
हे सत्ता के मतवालों! जनता तुम को गर चुन सकती है।
मत भूलों पानी पार गया तो खींच खींच धुन सकती है।

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11 AUG 2020 AT 21:51

मुहब्बत से श़ाइरी,श़ाइरी से मुहब्बत
इस सफर का हमसफर,जुदा हो गया

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