Monish Asghar   (शादाब असग़र)
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कहानियों में जीने वाला एक शख्श
Vice President :- Poetic Atma
President at Purvaiya Poetry
Joined 20 May 2018


कहानियों में जीने वाला एक शख्श
Vice President :- Poetic Atma
President at Purvaiya Poetry
Joined 20 May 2018
12 JUN AT 23:33

चाहे जीतनी भले ही देरी हो
इक़ दुआ है कभी तो पूरी हो

काश हम तुम से हक़ से कह पाते
जान ए जॉ तुम तो सिर्फ़ मेरी हो

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12 JUN AT 23:29

देखो समझो ऐसा करना ठीक नहीं
चोरी चोरी उसको तकना ठीक नही

इश्क़ मुहब्बत प्यार वफ़ा सब जायज़ है
पर लड़की का पीछा करना ठीक नहीं

तू है मुस्लिम वो पंडित की बेटी है
तेरा उस लड़की पर मरना ठीक नहीं

जिस लड़की ने हाल हमारा पूछा है
हाल मेरा तुम उस को कहना ठीक नही

इक लड़की है तुझ पर मरती है असग़र
इतना पत्थर दिल भी होना ठीक नहीं

गली मुहल्ले के लोगों को शक होगा
चोरी चुपके छत पर मिलना ठीक नहीं

इक दूजे की चिंता फिक्र परेशानी
वो तो ठीक है बाबू शोना ठीक नहीं

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12 JUN AT 23:24

दवाई बन नहीं पाई अभी तक
पहेली है वो बीमारी अभी तक

कोई अब पूछने वाला नहीं है
ये रोटी क्यों नहीं खाई अभी तक

पिताजी कल ये कह के रो पड़े हैं
कुँवारी है बहन बड़की अभी तक

मुहब्बत कर ही लेता हूं नई मैं
यही आदत नहीं छूटी अभी तक

ख़ुदा जाने मिरी मिस्टेक क्या है
वो लड़की मुझसे है रूठी अभी तक

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12 JUN AT 23:22

एक दिन सबको जीते-जीते मर जाना है
जिस दिन सब कुछ पा लेना है घर जाना है

बस इतनी सी ख़्वाहिश लेकर जीते है हम
हमको बस उनके दिल के अंदर जाना है

मैं छोटे घर का सबसे अव्वल लड़का हुँ
सपनों का हर बोझ भि तो हम पर जाना है

हार की सारी ज़िम्मेदारी बस मेरी है
जीत का सेहरा यां पर सबके सर जाना है

वैसे तो तुमने दस दुनियाएं फ़तेह करी हैं
जब मोहतरमा तुम्हें डराए डर जाना है

शादाब-असग़र तन्हा बैठे सोच रहे हैं
पाँच बजे अर पंच लगा कर घर जाना है

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12 JUN AT 13:40

शदाब असग़र तुम्हारे बिन भी अगर जिएँगे तो क्या करंगे
एक ऐसी दुनिया जो तेरे बिन हो वो दुनिया कितनी उदास होगी

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12 JUN AT 13:28

दो मिनट की चार बातें , चार बातें प्रेम की
और कुछ इसके अलावा तुमसे मांगा तो कहो

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12 JUN AT 1:26

आप तो एक हसीन लड़कीं हैं
अच्छी लगतीं हैं मुस्कुराते हुए

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12 JUN AT 1:22

दिल्लगी आशिकी निभाते हुए
उम्र गुज़री फरेब खाते हुए

ज़िन्दगी अच्छे दिन दिखाते हुए
थक गई है वो आज़माते हुए

जिनकी मैं जुस्तजू लिए बैठा
साफ दिखतें है दूर जाते हुए

अपने बच्चो को मैं सिखाऊंगा
जात भी देखो दिल लगाते हुए

दस बरस लग गए मुझे असग़र
दिल की बातें जुबां पे लाते हुए

रोजी रोटी की भागा दौड़ी में
शायरी खो ही दी कमाते हुए

आप तो एक हसीन लड़कीं हैं
अच्छी लगतीं हैं मुस्कुराते हुए

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12 JUN AT 1:06

रस्ता बराए इश्क़ के आसान कर दिया
खुद अपना जान बूझ के नुकसान कर दिया

ऐसा नहीं है आपसे उल्फ़त नहीं हमें
लहज़े ने आपके हमें हैरान कर दिया

हैवानियत की दौड़ में अव्वल रहा था मैं
बस इश्क़ ने तेरे हमें इंसान कर दिया

मुश्किल बहुत जीतना अपनों को प्यार से
हमने भी सबसे जंग का एलान कर दिया

नक़्शा बदल दिया है हुक़ूमत ने मुल्क़ का
हिन्द ओ सतां को हिंदू-मुसलमान कर दिया

असग़र शदाब आप के बस की नहीं ग़ज़ल
ये कह के आप ने मेरा अपमान कर दिया

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12 JUN AT 1:02

हैवानियत की दौड़ में अव्वल रहा था मैं
बस इश्क़ ने तेरे हमें इंसान कर दिया

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