I thought it's normal.
I'll be okay!
I had friends
And Netflix
I had family
And games
and told myself
it's normal
I'll be okay
I went to clubs
and shopping
I went to park
and played with children
And again told myself
it's normal
I'll be okay
Hours passed
Days passed
But ego didn't
I thought it's
Normal
But you know
what, I'm not
Okay...
I'm not!
-
यूं तो गुमां था मुझे
भी मेरी खूबियों पर
मगर तुमने जब
नजरों से तारीफ करके
माथे को जो चूमा,
मजा आ गया!-
Left and right atrium
Left and right ventricle
SA node
AV node
Bundle of his
And purkinje fibres
Tricuspid valve
Mitral valve
Aortic valve
And Pulmonary valve-
👉 बुरे लोग दुनिया में तब तक मौजूद नहीं हैं जब तक वे आपको चोट नहीं पहुँचाते।
👉 जब आप किसी को चोट पहुँचाते हैं तो बुरे लोग मजबूर हो जाते हैं।
👉 हां, बुरे लोग होते हैं क्योंकि हमारे समाज ने हमें हमेशा मानवता को बचाना सिखाया है। फिर भी हम अपनी कल्पनाओं के पीछे चले जाते हैं न कि लोगों के लिए क्या अच्छा है और फिर हम इसे एक जीवन चक्र कहते हैं। हम इसे 'विकासवादी प्रक्रिया' कहते हैं।
"हर कोई किसी को चोट पहुँचाता है।" लेकिन तब हमें एहसास होता है कि हमारे पूर्वजों ने हमें भगवत गीता और कुरान और बाइबिल में भी वासना के बजाय मानवता के पीछे चलना सिखाया है।
इसे पढ़ने के बाद पाठक बोलेंगे -लेकिन हम सब इंसान हैं भाई! एक व्यक्ति पूरे समाज को नहीं बदल सकता।
मैं- ओह! मुझे लगा कि तुम समाज का हिस्सा हो।😂 माफ करना! मैंने गलत समझा।🙂-
👉 Bad people doesn't exist in the world untill they hurt you.
👉 Bad people change into compelled one when you hurt someone.
👉 Yes, bad people exist because however our society has taught us to always save humanity. Still we just go after our fantasies rather than what is good for people and then we call it a life cycle.
We call it 'evolutionary process'. "Everyone hurts someone."
But then we realise going after humanity rather than fantasy, is what our ancestors taught us in Bhagwat Geeta and also in Kuran and Bible.
After reading this, readers will be like-but we all are human bro! Chill! One person can't change whole society.
Me- oh! I thought you are a part of society.😂 Sorry! I misunderstood.
(अगली पोस्ट में हिंदी अनुवाद)-
मेरे एक गुरु कहा करते थे -
"बेटा आज तुम्हें जो काम बुरा लग रहा है, हो सकता है कल तुम उसी को करने पर मजबूर हो जाओ..
ये पापी पेट किसी से कुछ भी करवा सकता है।
मगर यदि आज से खुद को मजबूत बनाओगे कि आपको ये मजबूर न कर पाए तो जीवन में हमेशा गुमान रहेगा कि मैंने किसी का बुरा नहीं किया और धर्मपूर्ण तरीके से अपने आप को काबिल बनाया।"
Other inspirations are my father and uncle...
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We talking to Krishna
in paradise 😂
Krishna- क्या किया तुमने पृथ्वी लोक पर जाकर..?
Me- सबसे पहले तो ये बताओ आप सच में कृष्ण हो? वहां जाकर इतना ढूंढा वहां क्यों नहीं आए🙄
खैर सुनो..
कुछ नहीं सबकी ही तरह इस प्रकृति के चक्र को पूरा करके आ गई! प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाया मगर जीवन जीने के चक्कर में कहीं न कहीं पहुंच ही गया।
बस जीती रही जीती रही...जब जवानी आई तो समझ आया कुछ योग कर्म कर लूं ताकि मेरी देह प्रबल हो जाए। योग किया फिर समझ आया कि कुछ ध्यान भी कर लूं ताकि जीवन का अर्थ समझ आए मगर समाज की जिम्मेदारियों में ऐसी फंसी कि ध्यान तो नहीं हो पाया मगर इतना समझ आ गया कि कर्म योग ही ध्यान अर्थात् जीवन जीकर और अपनी भूमिका अच्छे से निभाना ही ध्यान है।
आपके धर्म - उपदेशानुसार अच्छाई की और बुराई करने पर कर्म - फल की भोगी भी बनी। क्षमा,करुणा इत्यादि सभी भाव रखे अंतर्मन में, सच कहूं तो कृष्ण बस जीवन का मकसद ही ढूंढती रही।
फिर जब समझ आया कि जीवन का तात्पर्य कुछ नहीं हम तो मात्र इस प्रकृति की देन है और इस चक्र का हिस्सा है तो जीवन जीना शुरू किया। लेकिन फिर आपने बुला लिया😒
Krishna after hearing this...
"ऐसे ही थोड़े भगवान बोलते है मुझे😏 सब काम किए है time पर सोच समझकर...बोले तो तेरी सोच जहां खत्म होती वहां अपुन की शुरू होती है।😂 "
Ok ok...
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