Monika Thakur   (मोनिका ठाकुर.... ✍️)
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Joined 3 February 2021


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Joined 3 February 2021
21 FEB 2022 AT 22:47

दुनियां के डर से ज़ीना नहीं छोड़ दिया जाता,
और मुश्किलें चाहें कितनी भी राहों में रास्ता नहीं छोड़ दिया जाता...!

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30 JUL 2021 AT 21:01

इस जहाँ में एक दोस्त हमारा भी है
मेरे सुख - दुःख का एक सहारा भी है,
इस जहाँ में उठने से पहले हर कोई गिराता भी है
पर मेरा दोस्त ,मेरा हमराह, मेरा हमसाया भी है... ❤️❤️

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9 JUL 2021 AT 17:51


सुना है आसमाँ में एक खुदा रहता है
पर मैंने उसे अपने दिल में बसा रखा है,

इंसाँ अपने घरों में जगह नहीं देते
इसलिए पछियों ने अपना घोंसला बना रखा है,

आसमां के तारे कभी जमीं पे नहीं आते
इसलिए हमने जमीं पे दियों को जला रखा है,

उम्र भर कोई साथ नहीं देता इस जहाँ में
इसलिए साये को हमने अपना हमसाया बना रखा है,

तू जो कह दे तो मर के भी दिखा दूँ
मैंने अपनी हर सांस को तेरा बना रखा है.....!

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29 APR 2021 AT 12:07

खुद को भुला दिया
खुद को खो दिया
उनकी मोहब्बत की दीवानगी में,
उन्हें आज भुला दिया
यादों से उनकी तौबा कर दिया
और पा लिया खुद को फिर से इस जहाँ में....!

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10 APR 2021 AT 9:44

अब नींद नहीं आती है रातों में,
जाने कहाँ भटकता है ये दिल वीरानों में ,

जो तुम सामने आते कुछ कह भी ना पाते हम,
पर लाखों बातें करता है ये दिल तुमसे वीरानों में ,

मिली - जुली सी तुम्हारी यादें हैं इन यादों में,
समझ नहीं आता मैं रोयूं या हंसू तेरी जुदाई में ,

तेरे शहर के रस्ते बड़े टेढ़े - मेढे़ से हैं इस नक़्शे में ,
कहीं भटक ना जाऊं आते - आते उन पुराने खंडहरों में ,

करके फ़नाह (नष्ट, बरबाद) मैं तुझपे अपनी ये ज़िन्दगानी,
चल निकली हूँ अब इन वीरानों की शब - ए - तन्हाई में......!

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6 APR 2021 AT 21:12

जिसमें अपना हर ग़म छुपाया है हमने,

जो किसी को दिखते नहीं हैं आंसू उन्हें
पलकों के नीचे छिपाया है हमने,

सागर में एक लहर सी उठती है
अपने गमों को मुस्कुराहट से छिपाया है हमने,

तू सांसो की तरह बसता है मुझमे
अपने दिल की धड़कन में तेरी चाहत को छिपाया है हमने...... ❣️

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6 APR 2021 AT 14:30

रो रहा है आज उस किसान का दिल
उसके खेतों में पड़े सोने में आग लगी है,

मर रहा होता है वो एक पल में हज़ार मौत
खून - पसीना उसका यूँ आग में जल रहा है,

हताश ,परेशान सा बस जलते खेतों को देखता
हाथ जोड़ कर भगवान से बस बारिश की गुहार लगाता है......🙏

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4 APR 2021 AT 11:04

सुन छोरे सम्भल कै रेहा कर
वरना फैसला तो हम आन द स्पाट करेंगें,

और होगा तेरा बाप विधायक लेकिन
तेरा काम ते हम खुद ही तमाम करेंगें,

और सुन, नारी को कमज़ोर समझने की गलती ना करियो,
क्योंकि,जिसे महादेव ने ना मारेया उसे माँ काली ने संघारेया था,

सुन छोरे यो छोरियों ने घूरना बंद कर दे
नहींं ते कसम महाकाल की तेरी आँखेया तो अभी निकाल देंगें,

और सुन हद में रहिये अपनी
वरना तुझे तो के तेरे खानदान को भी जड़ ते उखाड़ फेंकेगे.......🚩🚩

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4 APR 2021 AT 10:03

साखों से फूल टूटने का दर्द कहाॅं किसी को महसूस होता है,
जब खुद टूटते हैं तब टूटने का दर्द महसूस होता फिर दिल भी हज़ार बार रोता है.....!

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3 APR 2021 AT 14:17

टूट रही है उम्मीद ,बिखर रहे हैं ख़्वाब
ज्येष्ठ की तपती दोपहरी में छतक् रही हो
बंजर भूमि जैसे,

अफ़सोस मुझे तेरे वादों पे ऐतबार किया मैंने
जैसे चकोर ने चाँद की ख़्वाहिश कर ली हो जैसे,

तेरी आँखों में हम यूँ खो गए
जैसे समुन्द्र में नदी ने अपना अस्तित्त्व खो
दिया हो जैसे,

तेरे बदन की खुश्बू महकती है इन फिजाओं
में ,हम मदहोश हुए कुछ इस तरह ऐसे,
जैसे छोड़ दिया हो मधुशाला में एक अकेले शराबी
को जैसे....✍️

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