स्त्रियाँ
ठंड मे कठोर
और गर्मी मे
शीतल हो जाती है
क्योंकि ज़िम्मेदारीयों
के आगे ऋतुये इन्हें
याद नहीं रहती,-
Hobbies =singing, dancing, p... read more
दिल मे हमेशा ख़ुदा को लिए,
इंसानियत से इंसानों को बदलने चला है,
क्या खूब जादू है आपके लेखनी में,
जो मानवता का परचम लहराते चला है,-
दुनिया के नियम कानूनों
से परेशान होने लगे हो
बधाई हो आप
थोड़े थोड़े इंसान होने लगे हो-
बस इतनी सी इश्क़ है तुमसे
की अब तो तुमसे जुड़ी
हर चीज़ से इश्क़ है
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क्यूं डरे की क्या होगा,
कुछ नहीं होगा
तो तजुर्बा होगा
विजय विक्रम सिंह ✍️-
क्योंकि नौकरी
इस जन्म के लिए
जरूरी है
अतः प्यार को
अगले जन्म के लिए
स्थगित करता हूँ
विश्वनाथप्रसाद तिवारी ✍️
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सपने पूरे हो इसके लिए पहले सपने देखने होंगे,
सोचो जिसके लिए तुमने बरसों मेहनत की
आज तुम उस तख्त पर होगे,
जिसको तुमने टूट कर चाहा
आज तुम उस उस अक्स पर होगे,
जिसके खातिर तुमने सारे ऐसों आराम छोड़ दिए
आज तुम उस औहदे को पाओगे,
जो कभी था सब कुछ सपना तुम्हारे लिए
आज तुम उस सपने के हीरो बन जाओगे,
कितना ओजपूर्ण और शक्तिशाली होगा वो पल
जब तुम अपने सारे रोड़े, अथाह संघर्ष और
सामने आने वालीं चुनौतियों को पार कर
अपने लक्ष्य पर खड़े नजर आओगे-
परिस्थितियां जब हमारे अनुकूल होती है तो
बिल्कुल सहज और सरल लगती है
हाथ से निकलने के बाद
उनकी गम्भीरता का पता लगता है-
स्त्री ना तो स्वयं गुलाम रहना चाहती है
और ना ही पुरुष को गुलाम बनाना चाहती है
स्त्री चाहती है, मानवीय अधिकार
जैविक भिन्नता के आधार पर वह
अधिकारों से वंचित नहीं होना चाहती,
स्टोनक्राफ्ट-