monika kanaujiya   (Mk)
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Joined 30 July 2018


Joined 30 July 2018
9 HOURS AGO

सीखते रहना चाहिए।
सीखते हुए निरंतर,
कुछ न कुछ अवश्य,
लिखते रहना चाहिए।

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18 JUN AT 23:24

एक छोटे से ,
अपने घर की तमन्ना में,
न जाने कितनों की
उम्र गुज़र जाती है,
घर के अपना होते होते
सब चाह मर जाती है।

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18 JUN AT 23:05




पर शिकवों में कोई किफ़ायत नहीं है।

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14 JUN AT 17:21

कुछ बातें हो गई पूरी,
कुछ रह गई अधूरी सी,
कुछ बातों का बना बतंगड़,
कुछ बातें थी मजबूरी सी।

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14 JUN AT 17:13

साथ अपना सदा ,
यूं ही बस बना रहे,
तेरे बिन मैं न रहूं ,
मेरे बिन तू न रहे।

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14 JUN AT 10:54

सब कुछ तो वही पुराना है,
है घटित हो चुका सब पहले,
बस तुमसे कुछ अनजाना है।

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14 JUN AT 7:59

ख़ुद से ख़ुद की पहचान करो,
कोई और भले न समझे तुमको,
तुम सदा सत्य की राह चुनो।


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13 JUN AT 7:04

फ़िर सुबह का सूरज निकलेगा,
जो रात के स्याह अंधेरों को,
अपने उजियारे से भर देगा।

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26 MAY AT 0:00

तुम हो तो मैं हूं,
या यूं कह लो,
तुम से ही मैं हूं,
मैं और तुम हैं कहां जुदा,
तुम हमारे हो सदा।

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13 MAY AT 8:03

निरंतर कीजिए,
थोड़ा वक्त लीजिए,
जीवन को नया आयाम दीजिए।

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