तुम सफर में नहीं मेरे पर हर वक्त पास दिखाते हो , मेरी ख़ामोशी में अक्सर मुझसे बात करते हो। किस्मत में नहीं मेरी फिर भी तुझको पाया है, शायद यह मेरे कर्म थे जो तू मेरे हिस्से आया है। कैसे कह दूं हमसफ़र नहीं तुम पग पग साथ चलते हो, मेरे दिल की धड़कन में तुम धड़कन बन धड़कते हो। तुम मेरे जीवन में नहीं पर मेरे जीवन का हिस्सा हो, सांस हो तुम धड़कन हो तुम मेरे जीवन का किस्सा हो।
बांधा नहीं कभी भी तुझको, पर तुझे मेरी हर ख्वाहिश बंध गई। बिन सूत्र बिन डोरी यारा तुझसे मेरी दिन और रात बंध गई। बंध गई जैसे मीरा गिरधर से, बांसुरी से राधा की तार बंध गई। तुझसे मिला जब यह तन मन, तेरे संग मेरी सांस बंध गई । बांधा नहीं कभी भी तुझको पर तुझे मेरी हर ख्वाहिश बंध गई।
अगर भेजूं तुम्हें कोरा कागज... क्या पढ़ पाओगे इसमें बिन लिखे एहसास मेरे। क्या रंग पाओगे उसको अपने प्यार के रंगों से... क्या समझ पाओगे जज्बात मेरे । अगर बोल दूं तुम बिन मेरा जीवन अधूरा है... क्या चल पाओगे बन हमसफर साथ मेरे। बड़ी तमन्ना है तुम संग जीवन बताने की.. बोलो कर पाओगे अधूरे सपने साकार मेरे।
तुम नजर आते हो, आंखों के रास्ते दिल में उतर जाते हो। अजीब दिल्लगी यह अजीब दास्तां है, सबसे छिपी बस तुम तक बयां है मुस्कुराहट का जाम जब आंखों से पिलाते हो मिलता है सुकुन जब तुम नजर आते हो।
कहां हो तुम कि तुम्हारी याद बहुत आ रही है, न जाने क्यों बार-बार मुझे तड़पा रही है। दिल में लहर उठती है तुझसे मिलूं, बातें करूं तुझसे.…... फिर जाने क्या सोच कर थम जा रही है।