Monika Attri  
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A girl in love...
Joined 12 February 2018


A girl in love...
Joined 12 February 2018
1 NOV 2019 AT 0:57

पापी हैं वे सब
जिन्होंने प्रेम का हनन कर,
चुना परम्पराओं को...
समाज से हारी स्त्री
मीरा बन ईश्वर की बांह थाम लेती है...
उन सबको अपने इष्ट के अश्रु प्राप्त हुए
जो दो हृदयों को विरह देने में सफल रहे ...

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13 OCT 2019 AT 16:39

प्यार वह पड़ाव है
ज़िन्दगी का
जिसका सफ़र भी
ख़ूबसूरत है,
मंजिल भी,
और
सफ़र कभी ख़त्म न होने का
डर भी ...

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21 SEP 2019 AT 8:13

तुम बहुत अच्छे आर्टिस्ट हो।
सच!
मैं खुद सबसे बड़ी प्रशंसक रही हूँ तुम्हारी..
मेरा चेहरा आज भी खिल उठता है सोचकर..
किस तरह तुमने उकेरे थे अपने खूबसूरत रंग,
मेरे मन के कैनवास पर।
जानती हूँ मैं
कितना मुश्किल होता है
किसी कोरे कागज़ को इन्द्रधनुषी कर देना,
उतना ही जितना किसी रोते हुए को हँसा देना।
मेरा मन भी वैसा था .. ख़ाली .. कोरा
तुमने मुझे हँसाया .. बनाया..
एहसास कराया सिर्फ कल्पित नहीं होती
प्रेम कथाएं..
सच होती हैं,
ईश्वर के अस्तित्व से भी ज़्यादा।
कभी ख़ुद पर संदेह करो
तो सुनो,
मेरी कविताएं पढ़ना।
मुझसे ज़्यादा नहीं जानता कोई,
तुम मेरे कौन हो
तम प्रेम हो।
ईश्वर हो।
सत्य हो।
विजय हो।

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27 AUG 2019 AT 16:21

You deserve to be missed dear.
It's just that you don't deserve to know this.

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23 AUG 2019 AT 23:49

ज़माने से लड़ना होता तो जीत लेता अपनी हीर,
लड़ाई उसी से है जिस से मोहब्बत है।

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12 AUG 2019 AT 21:16

... मैं कृष्ण नहीं, मीरा होना चाहती हूँ

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9 AUG 2019 AT 22:44

 घर हूँ मैं तुम्हारा
 दिल जब चाहे
 चले आना
 मुस्कुरा न सको जब
 बोझ से जिम्मेदारियों के
 भूल जाने को सब कुछ
 चले आना
 कितना भी नाराज़ हो जाऊं मैं तुमसे
 बांहों में छुपने को मन हो
 चले आना
 महसूस करो भी गलत भी जो खुद को
 यहीं हूँ मैं तब भी
 चले आना
 चले आना
 भारी हो जाता है दिल ये बेचारा
 कुछ कहना जो चाहो
 चले आना
 गलत क्या सही क्या
 बेकार की सब बातें हैं
 गले लगने का मन हो
 चले आना
 मुश्किल हो जाए
 सफ़र की डगर जो
 छांव में कुछ पल
 ठहर जाना
 घर हूँ तुम्हारा
 चले आना..

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12 JUL 2019 AT 19:17

एक उदास लड़की हूँ बस
तुम्हारे बिना मैं ..
जो बारिश में भीगते हुए सुनती है
विरह गीत ..
और बहा देती है अपनी लिखी हुई
प्रेम कवितायें ..
जिसे पायल की रुनझुन अच्छी नहीं लगती
अच्छा लगता है धूप में तुम्हारी राह तकने से
पैरों में छालों का पड़ जाना ..
सुनो मैं प्रेयसी हूँ,
मुझे हिना की ख़ुशबू से न ललचाओ।

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11 JUL 2019 AT 20:34

...

चाँद के आंचल में हैं प्रेम में होने के दाग

लेकिन उज्ज्वल है उस का मुख

प्रेम के होने से

...

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23 JUN 2019 AT 18:25

मोहताज थे जो आब के
जो कहते थे सबसे गरीब हूँ,
घर जाकर के बस्ती से
नहाये शराब में।

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