तो आज उसने मुझे पूछा,
चंद लम्हे ही तो बिताये हैं तुमने इसके साथ,
फिर इस शहर से इतनी मोहब्बत क्यूँ,
कैसे बताऊँ उसे,
कि,
गमों की अंधेरे में, इस शहर ने मुझे अपना माना है,
दुनिया के शोर से दूर, यहाँ मैंने ख़ुद को पहचाना है,
एक छोटी सी दुनिया बसायी है मैंने यहाँ पर,
‘घर’ की यादों को संजोए, बसाया एक घराना है,
ज़िंदगी जीने की एक वजह दी है जब इसने मुझे,
तो अब वादा अपना मुझे निभाना है।।-
मेरा नीलगूं आसमां बेकिनारा,
परिंदों की दुनिया का दरवे... read more
सुना था मैंने,
एक परछाई ही है,
जो होती है हरदम साथ हमारे,
फिर,
क्यों छोड़ देती है वो भी साथ,
इस रात के घने अंधेरे में..-
दरवाज़े पर आहट फिर से, दिसंबर ने दी है,
दिखाया है आईना, और उम्मीद फिर एक नयी दी है।।-
तिनका तिनका जोड़ बनाया था जो,
बैठ उसी महल में अब, तन्हाई से आँखें चार करता है,
और जो निभा रहा था रिश्ते सारे,
वो बैठा, उसी महल की गुहार करता है।।-
छाया है जब भी बादल काला,
उम्मीद नई तुम जगा जाते हो,
डगमगाती मेरी नैया को,
यूँ भवसागर पार करा जाते हो,
रचते हो तुम लीला सारी, पता है मुझे,
पर ‘नाम’ मेरा करा जाते हो।।-
मन में एक गठरी पड़ी है,
भारी है,
कुछ बातों का, तो कुछ यादों का,
बोझ है शायद,
सोचती हूँ कभी,
कि गांठ खोल दूँ उस गठरी की,
और आज़ाद कर दूँ मन को,
पर डरती हूँ,
खोलने पर गठरी का सामान,
तितर-बितर हो मन के हर कोने में फैल गया,
और मैं समेट ही ना पायी तो??
तो भार कहीं और ना बढ़ जाए..
रहने देती हूँ,
जो जैसा है, जहां है, एकदम वैसा ही, वहीं,
वैसे भी,
कुछ हो गई है,
कुछ और हो जाएगी,
आदत इस गठरी के साथ जीने की।।-
You don’t value what god has awarded you with,
Untill you see others struggling for it..-
तुम औरत हो,
तुम्हें सुनने पड़ेंगे चाशनी में लिपटे हुए ताने कई दफा,
पर तुम सिर्फ़ उस चाशनी के छीटे महसूस करना।।
तुम औरत हो,
ख़्वाब पूरे करना तो दूर, ख़्वाब देखने की भी क़ीमत चुकानी होगी तुम्हें,
पर तुम खोने से मत डरना बस कर्तव्य पथ पर बढ़ते रहना।।
तुम औरत हो,
तुम्हें चौखट दिखायी जायेगी कई दफ़ा,
तुम अपनी मर्यादा में रहना पर चौखट लांघने से मत डरना।।
तुम औरत हो,
तुम जैसी हो, वैसी ही रहना,
तुम बेख़ौफ़ होकर जीना।।-
किसी का काम ही है ज़िंदगी उसकी,
तो किसी को बस ज़िंदगी से प्यार है,
कोई मशरूफ़ है दुनिया के रिवाजों में,
तो कोई सुकून से कर रहा आँखें चार है,
अनजान हो इस बात से, लिख रहा दास्ताँ अपनी,
कि गढ़ रहा हिस्से तेरे, कहानी ‘कोई और’ उस पार है।-
This women's day
celebrate every bond that u've made in all these years, be it a daughter, a sister, a friend, a wife, a daughter in law, a sister in law or a mother..
And most importantly,
celebrate urself, celebrate ur womanhood, celebrate ur dreams, ur struggles, ur achievements , ur strengths and ur flaws..
Celebrate "being you"..
Happy women's day to all the beautiful women out there..-