कल की खबर नहीं, फिर भी गुरूर है,
इंसान को खुद पर बड़ा ही फ़ितूर है।
छोटा सा वजूद, पर घमंड बेहिसाब,
भूल गया कि क़ब्र के भी होते हैं हिसाब।-
ठंडी हवाएँ जैसे अतीत की कोई कथा सुना जाती हैं।
बारिश की बूँदें खिड़की से टकरा कर,
अपनी नमी में कुछ भूली हुई दस्तकें लिए आती हैं।
उन लहराती ज़ुल्फ़ों का भीग जाना,
और आँखों का अचानक भर आना —
जैसे कोई बिछड़ा अहसास फिर से लौट आया हो।ऐसे मौसम में दिल के सारे दुःख आँखों में उतर आते हैं,
और चेहरा...बस एक अधूरी मुस्कान की परछाई बनकर रह जाता है,
जो शायद, नाकामियों की ख़ामोश गवाही देती है।
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I’m well aware of my worth, my dignity, and who Am i
Validation isn’t my fuel, and rejection doesn’t shake me.-
मुझे ज्ञात है मेरे वजूद, मान और मूल्य का सार,
न ज़रूरत है प्रशंसा की, न भय किसी तिरस्कार का!-
जो कला थी रग-रग में समाई,
अब उसी को रगों से विराम देना है।
कण-कण में जो बसी थी सरीखी हवा,
अब उसे ही कण-कण से विदा करना है।-
सहज इतनी की संबंधों की सलामती हेतु
स्वयं को भी झुका दु,
और स्वाभिमान ऐसा,के एक बार टूट जाऊ
तो उस बिंदु से लौटना
मेरी आत्मा की मर्यादा के विरुद्ध हो जाए,
आत्मसम्मान ही मेरा अंतिम सत्य है।।-
हृदय को नियंत्रित करने की कला में निपुण हूँ, बुद्धि इन दिनों मार्गदर्शक बनी हुई है।
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