फिजाओं में बहती ये ठंडी हवा
गुनगुना रही है यादों की सदा ।
ये चेहरे कि रौनक और आखों की चमक ,
बता रही मेरी खुशीं की वजह ।
ये वादियां ये मौसम ठहर गया हैं
राहों मे तुम्हारी सनम सुनो सदाएं सुना रही हैं क्या ।
बीते पल बीती यादें कह रही हैं
कुछ कड़ियाँ और जोड़ दो मुझ में धुमिल हो रही हैं मेरी छवियाँ।-
Monica Sharma
(Tipsy)
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अल्फ़ाज नहीं जज़्बात लिखती हूँ ,
किस्से कहानियाँ नहीं हकीक़त बयां करती हूँ
दर्द दिल के क़लम ... read more
किस्से कहानियाँ नहीं हकीक़त बयां करती हूँ
दर्द दिल के क़लम ... read more
Joined 5 December 2017
15 APR AT 23:12
18 MAR AT 11:59
कभी शब्द नहीं मिलते,
कभी ज्जबात नहीं मिलते ।
अक्सर मिलते-मिलते रह जाते हैं ! हम
कभी वक्त तो, कभी हालात नहीं मिलते-
23 JAN AT 21:51
मेरी पन्द्रह साल कि मोहब्बत के लिए
उन्होंने इंकार को पन्द्रह सेकेंड तक नहीं लिए-
27 DEC 2024 AT 13:38
आ रही है, जनवरी बाहें फैलाकर
कर रहा है, स्वागत दिसम्बर मोती बरसा कर
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25 OCT 2024 AT 9:22
नादान मैं नहीं और इन्नें नासमझ आप भी नहीं
शब्द ही खत्म हो गए और ज्जबात रहे नहीं
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12 AUG 2024 AT 12:03
जो दिल चाहता हैं, अक्सर वो मिलता ही नहीं है
राख हो या रेत दोनों के मकान ढह ही जाते है।
TipSy…✍️-