Monesh Mahadev   (Monesh M.)
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भीतर शुन्य बाहर शुन्य, शुन्य चारो ओर है, मैं नहीं हूं मुझमे फिर भी मैं मैं का ही शोर है।
Joined 12 May 2018


भीतर शुन्य बाहर शुन्य, शुन्य चारो ओर है, मैं नहीं हूं मुझमे फिर भी मैं मैं का ही शोर है।
Joined 12 May 2018
29 AUG 2021 AT 21:43

एक नींद, बिन सुकून की..
एक ख्वाब, बिन हक़ीक़त का,
एक सुबह, बिन सवेरे की..
एक एहसास, तेरे साथ का..!!

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29 AUG 2021 AT 21:24

I correct autocorrect
More than...

Autocorrect correct me.
😄

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28 APR 2021 AT 15:33

गुज़र रही है जिन्दगी, एक ऐसे मुकाम से,
अपने ही दूर हो रहे, अपनों के जुकाम से।

सारे क़ायनात में क़ातिल बीमारी की हवा हो गयी,
वक़्त ऐसा आया की, दूरियां ही दवा हो गयी..!!

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23 APR 2021 AT 13:20

दिन-रात की बेचैनी है, ये आठ पहर का रोना है,
आसार बुरे हैं फ़ुरसत के, मालूम नहीं क्या होना है..!!

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16 APR 2021 AT 13:47

ना है इलाज़, ना ही कोई दवाई है।

ऐ इश्क़....

तेरे टक्कर की बीमारी आई है..!!

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15 APR 2021 AT 11:21

सांसों के चलने के लिए, कदमों का रुकना जरूरी है,
घरों में बन्द रहना, हालात की मजबूरी है।

आज महफूज़ रहे तो, कल मिल के खिलखिलाएँगे,
गले भी मिलेंगे, और हाथ भी मिलाएँगे।

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25 MAR 2021 AT 12:43

नज़रें मिली थी उनसे, कुछ इतना ही याद है,
मुलाक़ात का वक़्त आया, तो Lockdown लग गया..!!

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11 MAR 2021 AT 10:30

नंदीगण नतमस्तक सम्मुख, नीलकंठ पर शोभित विषधर,
मूषक संग गजानन बैठे, कार्तिकेय संग मोर खड़े।।
सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुंओर भरे,
अंतरमन से तुझे पुकारूं, हर हर हर महादेव हरे..!!

💐शिवरात्रि की शुभकामनाएं💐

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2 FEB 2021 AT 22:12

डर मुझे भी लगा, फासला देखकर,
पर मैं बढ़ता गया, रास्ता देखकर,
ख़ुद ब ख़ुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंजिल, मेरा हौसला देख कर..!!

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8 DEC 2020 AT 17:35

तारीखें सारी जवां हो गई है

सुना है कैलेंडर को इक्कीसवाँ साल लगने वाला है..!!

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