एक नींद, बिन सुकून की..
एक ख्वाब, बिन हक़ीक़त का,
एक सुबह, बिन सवेरे की..
एक एहसास, तेरे साथ का..!!-
गुज़र रही है जिन्दगी, एक ऐसे मुकाम से,
अपने ही दूर हो रहे, अपनों के जुकाम से।
सारे क़ायनात में क़ातिल बीमारी की हवा हो गयी,
वक़्त ऐसा आया की, दूरियां ही दवा हो गयी..!!-
दिन-रात की बेचैनी है, ये आठ पहर का रोना है,
आसार बुरे हैं फ़ुरसत के, मालूम नहीं क्या होना है..!!-
ना है इलाज़, ना ही कोई दवाई है।
ऐ इश्क़....
तेरे टक्कर की बीमारी आई है..!!-
सांसों के चलने के लिए, कदमों का रुकना जरूरी है,
घरों में बन्द रहना, हालात की मजबूरी है।
आज महफूज़ रहे तो, कल मिल के खिलखिलाएँगे,
गले भी मिलेंगे, और हाथ भी मिलाएँगे।
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नज़रें मिली थी उनसे, कुछ इतना ही याद है,
मुलाक़ात का वक़्त आया, तो Lockdown लग गया..!!-
नंदीगण नतमस्तक सम्मुख, नीलकंठ पर शोभित विषधर,
मूषक संग गजानन बैठे, कार्तिकेय संग मोर खड़े।।
सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर, सुंदरता चहुंओर भरे,
अंतरमन से तुझे पुकारूं, हर हर हर महादेव हरे..!!
💐शिवरात्रि की शुभकामनाएं💐-
डर मुझे भी लगा, फासला देखकर,
पर मैं बढ़ता गया, रास्ता देखकर,
ख़ुद ब ख़ुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंजिल, मेरा हौसला देख कर..!!-
तारीखें सारी जवां हो गई है
सुना है कैलेंडर को इक्कीसवाँ साल लगने वाला है..!!-