Monalisa   (MonaChandrakar Monalisa✍)
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Joined 5 July 2019


Joined 5 July 2019
7 JUL 2023 AT 6:32

घनघोर घटा छा गई सखी री
रुत सावन की आ गई सखी री

आसमान में कारी बदली
रिमझिम बरखा लायी सखी

ऐसे भीगे तनमन मेरा
मैं बैरन बन जाऊं सखी

मदहोश कर रहा बैरी सावन
पवन बन लहराऊं सखी

मौसम बैरी प्रेम अगन जगाये
पिया मिलन को बौराऊं सखी

बारिश की उड़ती फुहारों में
सराबोर हो जाऊं मैं भी सखी

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5 JUL 2023 AT 23:27

मैंने अपने दिल से पूछा कि
मुझे रात को नींद क्यों नहीं आती?

दिल ने जवाब दिया

"क्योंकि तुम दोपहर को सोते हो,
इसलिए हर समय ऐसा व्यवहार मत करो
जैसे तुम प्यार में हो।"

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25 JUN 2023 AT 13:13

ये किसका ख़्याल आया है मुझे
हल्की सी बरसात हुई है
आज आंखों ही आंखों में
तुमसे मेरी बात हुई है

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17 JUN 2023 AT 18:11

जब सच सामने आता है
तब झूठ की नाव डूब जाती है
और सच की नाव पार लग जाती है

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11 APR 2023 AT 12:14

कई आवाज़ें अपना वजूद खो देती है
अगर सुनने वाला नज़र अंदाज़ कर दे

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30 MAR 2023 AT 6:08

मिलेंगे चारों धाम
जहां है राम नाम

हम सबका एक काम
नित दिन जपो राम नाम

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21 MAR 2023 AT 16:22

एक कविता उन अपनों के लिए
जो पास होकर भी दूर रहते हैं

एक कविता उन सपनों के लिए
जो कभी पूरे होते ही नहीं हैं

एक कविता उन जवानों के लिए
जो सरहद पर देश के तैनात रहते हैं

एक कविता उन पक्षियों के लिए
जो आंगन की मुंडेर पर कभी बैठती थी

एक कविता उन दोस्तों के लिए
जो हमें नया सबक सीखा गए

एक कविता उन पड़ोसियों के लिए
जो हर मुश्किल में आपका साथ देते हैं

एक कविता उस मां के लिए
जो बिना कुछ मांगे सब कुछ देती है

एक कविता उस ईश्वर के लिए
जो हर समय हमारा साथ देते हैं

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21 MAR 2023 AT 12:25

जब मैं कविता लिख  रही होती हूँ
तब मैं अपने लिए जी रही होती हूँ
मैंने जो सोचा वो कविता है
मैंने जो लिखा वो भी कविता है
तुमने जो पढ़ा वो कविता है
तुमने जो महसूस किया वो भी कविता है
हृदय में स्पंदित जो भाव है वो कविता है
अधरों की स्मित मुस्कान भी कविता है
जो सदियों से अजर अमर है वो कविता है
वर्णमाला का हर एक अक्षर कविता है

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7 MAR 2023 AT 23:47

होली के रंग फीके हो गए हैं
सारी दोस्त यार दूर हो गए हैं
सब रंग अब झूठे लगते हैं
कान्हा तेरे प्रेम के रंग सच्चे लगते है

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7 MAR 2023 AT 14:15

वो एक औरत है
जो एक पुरुष को जन्म देती है
ताकि आगे चलकर यही पुरुष
उस पर नियमों की बंदिश लगाए
और सही गलत बताए

वो एक औरत है जो घर की खुशी
और जिम्मेदारी के लिए
अपनी खुशी और हक भी छोड़ देती है

वो एक औरत है
जो पुरुष प्रधान समाज में
आज भी दोयम दर्जे में आती है

वो एक औरत है
जो अपने सही गलत का फैसला भी
पुरुष से पूछ कर लेती है

वो एक औरत है
जो जन्म से पहले ही
मार दी जाती है

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