फूलों की मह़क तेरी यादों को दोहरातीं हैफिर वहीं मसला है,की तुम्हें भुलने की कोशिश करूं,✍️ -
फूलों की मह़क तेरी यादों को दोहरातीं हैफिर वहीं मसला है,की तुम्हें भुलने की कोशिश करूं,✍️
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दूनिया जहां की खुशी मुझे खुश करने में नाकाम हैतू देख! तेरे लबों की हंसी कैसे मुझे गुलज़ार करती है ✍️ -
दूनिया जहां की खुशी मुझे खुश करने में नाकाम हैतू देख! तेरे लबों की हंसी कैसे मुझे गुलज़ार करती है ✍️
मैं लेखक हूं,उसे अपने शब्दों से तार तार कर सकती हूं!!जितना वो अब तक सोच न सका उतनाहैरान कर सकती हूं!!वो कहता है, इल्म भी नहीं क्या से क्याअनजाने में बीत गया तुम पर !!मैं सोचती हूं की अभी इतना समय हीं कहां हुआ की मैं यह सब झैल सकूं !!✍️ -
मैं लेखक हूं,उसे अपने शब्दों से तार तार कर सकती हूं!!जितना वो अब तक सोच न सका उतनाहैरान कर सकती हूं!!वो कहता है, इल्म भी नहीं क्या से क्याअनजाने में बीत गया तुम पर !!मैं सोचती हूं की अभी इतना समय हीं कहां हुआ की मैं यह सब झैल सकूं !!✍️
सुनो!! मुझे लेकर तुम्हारे ख्यालात कहां तक हैबीच मझधार में छोड़ जाने का कभी सोचा है...?मैं सोचती हूं हर लम्हा तुम्हारे साथ बिताऊं क्या कभी तुमने मुझे अपनाने का सोचा है ...…?यू तो बहोत बातें होती हैं दरमियान हमारे परख्यालात कभी जाते ही नहीं यू जुदा होकर .....क्योंकि अब तू है, नहीं रह गई बसर करने को यह बातें हैतू लोट आ लोट आ नहीं कहुंगी मैं अब " सुकुन मिल जाए बस चाह है"...…!!! -
सुनो!! मुझे लेकर तुम्हारे ख्यालात कहां तक हैबीच मझधार में छोड़ जाने का कभी सोचा है...?मैं सोचती हूं हर लम्हा तुम्हारे साथ बिताऊं क्या कभी तुमने मुझे अपनाने का सोचा है ...…?यू तो बहोत बातें होती हैं दरमियान हमारे परख्यालात कभी जाते ही नहीं यू जुदा होकर .....क्योंकि अब तू है, नहीं रह गई बसर करने को यह बातें हैतू लोट आ लोट आ नहीं कहुंगी मैं अब " सुकुन मिल जाए बस चाह है"...…!!!
पढ़लो जितना पढ़ सकते हो किताबों कोमुझे लेकर तुम्हारे फैसलै हमेशा नासमझी के होंगे 🖤✍️ -
पढ़लो जितना पढ़ सकते हो किताबों कोमुझे लेकर तुम्हारे फैसलै हमेशा नासमझी के होंगे 🖤✍️
खामोशियों को पढ़ना क्या आता है, तुम्हेंमेरे लव्जो़ में वो जो़र नहीं की तुम्हें समझा सकू ✍️ -
खामोशियों को पढ़ना क्या आता है, तुम्हेंमेरे लव्जो़ में वो जो़र नहीं की तुम्हें समझा सकू ✍️
इत्तेफाक नहीं हुआ कभी तुमसे मिलने कायू तो हादसे कई घटते रहते हैं यक़ीनन ✍️ -
इत्तेफाक नहीं हुआ कभी तुमसे मिलने कायू तो हादसे कई घटते रहते हैं यक़ीनन ✍️
एक तलब है की तुझे पा लूं मैंएक उम्मीद है, जो टुटती जा रहीं हैं 🖤✍️ -
एक तलब है की तुझे पा लूं मैंएक उम्मीद है, जो टुटती जा रहीं हैं 🖤✍️
कभी कभी एहसास होता हैजिंदगी जितनी लोगों पर मेहरबान हैउससे कई ज्यादा मुझपर "बेरहम" हैं ✍️ -
कभी कभी एहसास होता हैजिंदगी जितनी लोगों पर मेहरबान हैउससे कई ज्यादा मुझपर "बेरहम" हैं ✍️
मोहोब्बत की शिद्दत बढ़ती है और कईजब तू मेरी और खिंचा चला आता है 🖤✍️ -
मोहोब्बत की शिद्दत बढ़ती है और कईजब तू मेरी और खिंचा चला आता है 🖤✍️