Mokshgna   (मोक्षग्न 🔱)
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Joined 4 February 2018


Joined 4 February 2018
16 MAY 2024 AT 1:09

कोई ज़िक्र करे सुंदरता का,
तो तेरा चेहरा नज़र आता है।
दिख जाए तू इक दफ़ा,
तो मेरे चेहरे पर नूर उतर आता है।

तेरी ख़ूबसूरती को बयान करते,
तो करते जैसे जौन,
हमारी क्या बिसात है?
हम हैं कौन?

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8 AUG 2023 AT 1:25

जो लिख सकूं कभी तो लिखूँ उसकी आँखें मैं,
वो जो देख उसे थम जाती हैं, वो साँसें मैं।।
लिखुं उसका मुस्कुराना कभी,
तो लिखुं कभी उसकी बातें मैं।।
वो उसका देख मुझे शर्माना लिखुं,
या लिखुं उसकी आदतें मैं।।

#Enchantress🧙‍♀️

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9 FEB 2023 AT 1:17

वो रिश्ता जिसे तुम भूल कर बैठे हो,
कभी उसके लिए रात भर रोते थे।
वो चेहरा जो अब शायद पसंद भी नहीं तुमको,
तब कहां उसे देखे बिना सोते थे।

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1 OCT 2022 AT 0:51

वफा ना कर सको, तो यूँ बेवफ़ा हो जाओ,
ख़ुद ग़लत हो के भी ख़फ़ा बेवजह हो जाओ,
कोई करे चाहे जितनी मोहब्बत तुमसे,
तुम अपनी फ़ितरत में बेशर्म बेवजह हो जाओ।

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23 OCT 2021 AT 14:18

न जाने लोग मुझे बेवफा क्यों कह रहे हैं, मैंने तो बस सामने आने वाले हर शक्श का इश्क मुकम्मल किया है।।

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21 OCT 2021 AT 13:24

वफाओं में रखा ही क्या है इन दिनों,
मज़ा तो बेवफा हो के अमर हो जाने में है।

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16 OCT 2021 AT 17:29

कुछ बाक़ी सा रह गया है, मुझ में शायद।
यह खालीपन मेरे अंदर से, जाता ही नही।।

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25 SEP 2021 AT 19:45

दर दर भटक रहा,
किसी के लिए वैरागी, तो किसी को लगा आवारा मैं,
न जाने कहां ढूंढ रहा अपने ही बिखरे टुकड़े..
"बेचारा मैं"।

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25 SEP 2021 AT 1:08

मैं बेबस सा था, तुझे न बताऊं तो खुशी कैसी,
तू ने फिर मुंह मोड़ कर मुझे मुक्त सा कर दिया।

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13 AUG 2021 AT 1:33

बचपन से ही चुनौतियां देखी, फिर भी बना एक नाम मैं,
रहा परेशान हर मोड़ पर, था तो आखिर इंसान मैं।
रह सकूं जो साथ किसी के, लाभ नहीं हूं हानि मैं,
पढ़ना किसी ने चाहा ही नही, यूं तो था खुद एक कहानी मैं।

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