किरदार में ईमानदारी हो तो "मोहसिन"
लोगों का नाराज़ होना तो लाज़मी है-
Doctor
Writer
Cricketer
मेरी मोहब्बत ने उसे ग़द्दार कर दिया
मैं बस मुड़ा ही था की उसने वार कर दिया-
क्यों तुम खुद से वफा नहीं करते
इस तरह मोहब्बत में तबाह नहीं करते
जो कहते है, ये आखिरी है मोहब्बत, "मोहसिन"
वो फिर मोहब्बत भी एक दफा नहीं करते-
देख मेरी मोहब्बत का अभी तक ईमान बाकी है
मेरे जिस्म पर आज भी तेरे निशान बाकी है-