Mohnish Mehra   (अज्ञानी)
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Joined 11 June 2019


Joined 11 June 2019
28 FEB 2023 AT 16:20

अगर आज मैं काश होता ,तो खुद की तलाश मे साथ होता।।
ढलते सूरज को अपनी उझले नूर पर भी नाज होता।
ओस की बूंदों को सुबह मोतियों सा चमकने पर अहंकार होता।
डूबती नाव को किनारे तक पहुंचने का पैगाम होता।
अगर आज मैं काश होता, तो खुद की तलाश मैं साथ होता।।
मुरझाए हुए फूल को अपनी खुशबू पर विश्वास होता।
थके राही को अपनी मंजिल को देखने का इंतजार होता ।
टूटे हुए ख्वाबों को आंखो को अपने ऊपर अभिमान होता ।
अगर आज मैं काश होता, तो खुद की तलाश मे साथ होता।।

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21 JAN 2023 AT 17:19

श्री कृष्ण कहते है.
हे राधे........
तेरे दूर होने पर भी पास होने का एहसास काफी है।
मिल नही पाएंगे पर मिलने की आस ही काफी है ।।

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13 DEC 2022 AT 20:01

रात की किताब पर बनी है ख्वाबों की तस्वीर।
जो होंगी पूरी देख के वो चाँद की तकदीर ।।

-अज्ञानी

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30 AUG 2021 AT 19:24

नटखट सा नंदलाला हूं।
पर तेरा ही श्याम सांवला हूं।।
गोपियों के लिए बांसुरी बजाता हूं।
पर छुप छुप कर तुझे ही तो बतलाता हूं।।
माना माखन भी चुराता हूं।
पर धर्म का रास्ता भी तो दिखलाता हूं।।
दिनभर गैयाओ को चराता हूं।
पर मिलने मैं तुझ से भी तो आता हूं।।
कितनी भी शिकायते कर ले मुझ से
बस एक वादा कर के जाता हूं।
तू ही मेरी राधा है और मैं ही तेरा श्याम सांवला हूं।।

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7 JUN 2021 AT 4:17

वो कहते थे मैं तो एक खुली किताब की तरह हूं।
पर कमबख्त हमें क्या पता था खुली किताब को पढ़ना इतना मुश्किल होगा।।

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18 SEP 2020 AT 22:31

मेरी इस मुस्कुराहट का राज तुम हो।
मेरी हर पहेली का जवाब तुम हो।
दिल की हसरत जुबा पर आने लगी है अब तो
क्यू की इन निगाह-ए-नाज़ को समझने वाले इंसान तुम हो।।

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18 AUG 2020 AT 23:15

Ye jo teri tasveer hai na.....
Shyad kuch kahna chati hai.
Mujhe se baate Krna chahti hai.
Meri hasi ko daikh muskurana chati hai.
Fir yaad aya ye teri tasveer hai.
Tu thodi na h jo laut kar waps aana chti hai......

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20 JUL 2020 AT 21:45

हसने की ये कोई बात नहीं है ।
कोई तुम्हे तुम से ज्यादा जाने ये कोई मजाक नहीं है।
वैसे भी इस खुदगर्ज दुनिया में कोई किसी के लिए नहीं सोचता।
अगर कोई सोचता है तो यकीन मानो वो तुम्हारे लिए अनजान नहीं है।

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2 JUN 2020 AT 1:20

आज उन्हें हमारी की हुई तारीफों से इस कदर गुरूर हो चला है।
वो ये भी भूल गए है आखिर में हर फूल को भी धूल होना होता है।

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30 MAY 2020 AT 16:49

ये कहां का इंसाफ हुआ भला!!!
हम रोते रहे ज़िन्दगी भर तुम्हारी खुशी के लिए।

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