अगर आज मैं काश होता ,तो खुद की तलाश मे साथ होता।।
ढलते सूरज को अपनी उझले नूर पर भी नाज होता।
ओस की बूंदों को सुबह मोतियों सा चमकने पर अहंकार होता।
डूबती नाव को किनारे तक पहुंचने का पैगाम होता।
अगर आज मैं काश होता, तो खुद की तलाश मैं साथ होता।।
मुरझाए हुए फूल को अपनी खुशबू पर विश्वास होता।
थके राही को अपनी मंजिल को देखने का इंतजार होता ।
टूटे हुए ख्वाबों को आंखो को अपने ऊपर अभिमान होता ।
अगर आज मैं काश होता, तो खुद की तलाश मे साथ होता।।-
श्री कृष्ण कहते है.
हे राधे........
तेरे दूर होने पर भी पास होने का एहसास काफी है।
मिल नही पाएंगे पर मिलने की आस ही काफी है ।।-
रात की किताब पर बनी है ख्वाबों की तस्वीर।
जो होंगी पूरी देख के वो चाँद की तकदीर ।।
-अज्ञानी-
नटखट सा नंदलाला हूं।
पर तेरा ही श्याम सांवला हूं।।
गोपियों के लिए बांसुरी बजाता हूं।
पर छुप छुप कर तुझे ही तो बतलाता हूं।।
माना माखन भी चुराता हूं।
पर धर्म का रास्ता भी तो दिखलाता हूं।।
दिनभर गैयाओ को चराता हूं।
पर मिलने मैं तुझ से भी तो आता हूं।।
कितनी भी शिकायते कर ले मुझ से
बस एक वादा कर के जाता हूं।
तू ही मेरी राधा है और मैं ही तेरा श्याम सांवला हूं।।
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वो कहते थे मैं तो एक खुली किताब की तरह हूं।
पर कमबख्त हमें क्या पता था खुली किताब को पढ़ना इतना मुश्किल होगा।।-
मेरी इस मुस्कुराहट का राज तुम हो।
मेरी हर पहेली का जवाब तुम हो।
दिल की हसरत जुबा पर आने लगी है अब तो
क्यू की इन निगाह-ए-नाज़ को समझने वाले इंसान तुम हो।।-
Ye jo teri tasveer hai na.....
Shyad kuch kahna chati hai.
Mujhe se baate Krna chahti hai.
Meri hasi ko daikh muskurana chati hai.
Fir yaad aya ye teri tasveer hai.
Tu thodi na h jo laut kar waps aana chti hai......-
हसने की ये कोई बात नहीं है ।
कोई तुम्हे तुम से ज्यादा जाने ये कोई मजाक नहीं है।
वैसे भी इस खुदगर्ज दुनिया में कोई किसी के लिए नहीं सोचता।
अगर कोई सोचता है तो यकीन मानो वो तुम्हारे लिए अनजान नहीं है।-
आज उन्हें हमारी की हुई तारीफों से इस कदर गुरूर हो चला है।
वो ये भी भूल गए है आखिर में हर फूल को भी धूल होना होता है।-
ये कहां का इंसाफ हुआ भला!!!
हम रोते रहे ज़िन्दगी भर तुम्हारी खुशी के लिए।-