Mohnish Baghel   (Beautifully Broken)
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Joined 24 November 2017


Joined 24 November 2017
10 NOV 2023 AT 0:10

दिन हो गए काफ़ी अब अपना हाथ तुम्हारे हाथ में देखना चाहता हूं,
दिवाली आ रही है जाना तुम्हे इस बार साड़ी में अपने साथ देखना चाहता हूं।।
~ मोहनीश बघेल

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28 OCT 2023 AT 23:46

तुम सड़क के उस पार भरे बाज़ार में मुझे दिखाई दिए, फिर क्या मुझे हमारे बीच कोई सड़क या बाज़ार दिखाई दिए !!
~ मोहनीश बघेल

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19 OCT 2023 AT 22:39

ऐसे थोड़ी होता है कि इस मुफ़लिस दिल में जो है वो सब कह दी जाए, शायद पता है इसलिए खुदा ने कुछ निशान, कुछ आंसू, कुछ बुरे ख्याल, झूठी हसी, कुछ गहरी सांसें और कुछ कांपते हाथ बनाए ।।
~ मोहनीश बघेल

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2 SEP 2023 AT 23:05

तुम्हारे वादों की तरह इश्क़ भी तुम्हारा आधा रहा, मुलाकाते कम रहीं इंतज़ार ज़्यादा रहा।।
~मोहनीश बघेल

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9 DEC 2022 AT 20:58

मैं तुम्हारे नाम पर एक किताब लिखूंगा,
जो अधूरी रह गयी हमारी वो मुलाकात लिखूंगा,
तुम्हारे जाने के बाद कैसे कैसे टूटा में वो एहसास लिखूंगा,
तुम कहो तो तुम्हारे किए हर सितम का हिसाब लिखूंगा,
कुछ इस तरह हमारा इश्क का में इतिहास लिखूंगा।
~मोहनीश बघेल

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19 SEP 2021 AT 22:28

मैंने वक़्त को गुज़रते देखा है, अपनों को अपनों से बिछड़ते देखा है, कुछ अच्छे हालातों को भी बिगड़ते देखा है, किसी और की वज़ह से अपने रिश्ते को बिखरते देखा है||
~मोहनीश बघेल

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17 SEP 2021 AT 11:29

तुम्हारा वो घर है जिसकी बहुत याद आती है, आज भी वहां खुद को पाकर एक ख़ुशी सी मिल जाती है, हज़ारों याद सी हैं हमारी वहां एक साथ, हर ग़म, हर दुःख, नाराज़गी तुम्हारे साथ बैठते ही चली जाती है, ख्वाबों मैं मेरे आज भी तुम ही आती हो अफ़सोस इस बात का है की अक्सर सुबह के शोर से मेरी आँख खुल जाती है और हमारी कहानी फिर अधूरी रह जाती है||
~मोहनीश बघेल

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29 MAY 2021 AT 17:18

तुम जो बनती हो आज दुनिया जहान की हसीं-ो-जमील, तुम्हें अपने बाल भी सवारना नहीं आता था ये हमारे सामने की बात है।
~ मोहनीश बघेल

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9 NOV 2020 AT 22:27

Tamaam mushkilon ka hal sajda-e-khuda me hua, jo manga tha duao me wo na jane kb khud khuda hua....

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1 OCT 2020 AT 23:10

Ha aab sach much thak gya hu me tere intezaar mein, barso se tera aks bhi nhi dekha kahi bazaar main, Yai Zindagi kuch khafa si h mujh sai, kaash tu kabhi aakr badal de isse gulzar me..

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