वक़्त भी बुरा लगता है
वक़्त को क्या
रुकता नहीं है
आनी जानी है
फिर मायूसी क्यों
हँस कर उड़ा देना है
कोई साथ दे ना दे
वक़्त तो साथ देगा ही
फिर वक़्त को इल्जाम क्यों लगाए
यही तो अपना यारा है.. 𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
MOHITA SRIVASTAVA
(Mohita)
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Mohita Srivastava
Joined 25 February 2020
11 HOURS AGO
YESTERDAY AT 1:10
मिट्टी से रिश्ता रखा है
इसके सिवा जाना कहाँ हैं
पंछी भी लाख उड़े गगन में
लेकिन आते हैं कभी ना कभी ज़मी पर
फिर इतना असमंजस क्यूँ है
मिट्टी से ज्यादा सच्चा कौन
जो इतने प्यार से खुद में समो लेता है..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆
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YESTERDAY AT 0:54
तेरा याद आना
औरो को ये जताना
मै तुम्हारी हूँ
औरो से ये छुपाना
मेरे मन में कोई और है
कसमकश उलझी जिंदगी है
उसपर तेरा गम
ये शाम आती ही क्यूँ है
जिन सवालों का जवाब ही नहीं
ऐसे सवाल बनते क्यूँ है
बनते हैं तो उलझते क्यूँ हैं
शायद सारी गलती शाम की तन्हाई है
चलो जुदा हो जाते हैं
इक़बार और बाइज्जतबरी हो जाते हैं 𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆
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YESTERDAY AT 0:41
इश्क़ करने वाले
बंजर जमीं नहीं देखते
वो तो सिर्फ इश्क़ करते हैं
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
YESTERDAY AT 0:28
पत्थर की मूरत से
चाहत की उम्मीदें मत रखो
मै वो ख्वाब हूँ जो जी नहीं सकती
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-