रास्ता तेरी तरफ़ का
मेरे दिल से निकलता है
मुड़ता है आँखों के इशारे से
थमता है मेरी हसीं से
छुपते हो मेरे गेसू तले
और तुम कहते हो
मैं तुम्हारे इशारो पे नहीं चलता..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
मकसद भी है
साबित भी करना है खुद को
मैं मील का पत्थर हूँ
मंजिल की ओर सिर्फ
चलने से क्या होगा..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
इश्क़ पर जोर नहीं सुना था
सोनम ने इसे साबित कर दिया
राजा रघुवंशी ने
इश्क़ निभा दिया 🙏🏻🙏🏻-
कुछ उम्मीद अपने दिल से लगाई होती
दूसरों के भरोसे दर दर नाउम्मीद ना होते..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
कब कहाँ और कैसे
गलतियां हुई मुझसे
मै नादान उलझी रही
औरो को सुलझाने में..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
भूल गए थे खुद को
दुनियां के भीड़ में
अब लोगो को पहचानने के बाद
खुद से मिलने निकले हैं
आईने से पूछा क्या मै वही हूँ
जवाब मिला
नहीं तुमतो भोली प्यारी सी थी
वक्त और जिम्मेदारीयों ने
तुम्हे कैसा बना दिया
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆
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नाम लिखने
के लिए
दीवारों को क्यूँ ढूढ़ते हो
उसका नाम तो
अधरों पर लिखा
जाता है 𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
शाम का रंग सुरमई
उसपर झुरझुरी करती हवाएं
तेरी खयालो का समंदर
काफ़ी है तुझ पर मरने के लिए..
𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-
जज़्बात बहुत है कुछ कर गुजरने को
पर खाली समय में
आराम करने को जी चाहता है
जज़्बात में ही तो सारे घर के काम निपटते हैं
आराम थोड़ा चाहते हैं वरना हम निपट जायेगे..𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆-