लम्बी सी इक रात जुदाई वाली बरसो से लम्बी तन्हाई तन्हाई में गूंजती सिसकियाँ जुदाई वाली रात अभी रात ही है ना ख़त्म होने वाली बेबसी बेकसी बेक़रारी नाम रखा जुदाई का "बेशक तुम मुझसे अलग हो पर सांसे आज भी साथ ही चलती है "❤️ 𝓜𝓸𝓱𝓲𝓽𝓪
जाने की तो बात ना करो यहीं से मेरा मै और मेरा हम शुरू होता है सुबह तुम्ही से शाम तुम्ही से होती है हर मंजिल की राह तुम्ही से होती है तुम बिन जाए कहाँ और तुम बिन जाएगे भी कहाँ..𝓶𝓸𝓱𝓲𝓽𝓪
किसी की मौजूदगी भर का अहसास के सहारे जिंदगी खुशनुमा हम खुशनसीब खुशनशी हो जाते हैं " चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी वरना हम जमाने भर को समझाने कहाँ जाते, कतील शिफाई साहब " 𝓜𝓸𝓱𝓲𝓽𝓪
उदासी के आइने मे झाँका मैंने बार बार हर बार वही जवाब हर बार वही सवाल तकती हो किसकी राह बेकरार होकर शाम ढले जो घर ना लौटे वो परिंदे बेगाने हैं उदासी के आइने को करदो चूर चूर नया आइना नया चेहरा नई उम्मीदे नई खुशियाँ नए ख्वाब सजाना है....𝖒𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆
मोहब्बत से कहकर देखो कहाँ मिलती है मोहब्बत बिना क़ीमत के मोहब्बत बोली शर्मसार ना कर मै माँ भी हूँ मत तौलो मेरी मोहब्बत को कोई दाम नहीं बना जहान मे..❤️ 𝕸𝖔𝖍𝖎𝖙𝖆