मैं तन्हा हो गया हूं तेरे यूं छोड़ जाने से।किसी ने इनकार किया था क्या इश्क जताने से। क्या कुछ नहीं किया मैंने हमेशा तेरे लिए।बस तू ही पीछे छुट गई हर बार रिश्ता निभाने से।Mohit Akole... -
मैं तन्हा हो गया हूं तेरे यूं छोड़ जाने से।किसी ने इनकार किया था क्या इश्क जताने से। क्या कुछ नहीं किया मैंने हमेशा तेरे लिए।बस तू ही पीछे छुट गई हर बार रिश्ता निभाने से।Mohit Akole...
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तेरे ख्याल तेरे जज्बात में युक्त होना होगा।समाज से छुपकर प्यार में गुप्त होना होगा।बहुत समय बीत चुका सब व्यर्थ लगता हैअब प्रेम की पीड़ा से मुझे मुक्त होना होगा।Mohit Yaduvanshi... -
तेरे ख्याल तेरे जज्बात में युक्त होना होगा।समाज से छुपकर प्यार में गुप्त होना होगा।बहुत समय बीत चुका सब व्यर्थ लगता हैअब प्रेम की पीड़ा से मुझे मुक्त होना होगा।Mohit Yaduvanshi...
तेरी नजर में कोई बात हो ये जरूरी है क्या। ये ना समझ मेरी जिंदगी तेरे बिना अधूरी है क्या। अब नहीं जिया जाता मैं कब तक टूटकर बिखरूतेरे इश्क की गिरफ्त से निकलने की मंजूरी है क्या। Mohit Yaduvanshi... -
तेरी नजर में कोई बात हो ये जरूरी है क्या। ये ना समझ मेरी जिंदगी तेरे बिना अधूरी है क्या। अब नहीं जिया जाता मैं कब तक टूटकर बिखरूतेरे इश्क की गिरफ्त से निकलने की मंजूरी है क्या। Mohit Yaduvanshi...
साथ बिताये हर लमहो के दिन जोड़कर रखता हूं।तेरी यादों से खुद को कितना तोड़कर रखता हूं। जुदा होकर मुझे इतना उम्रदराज कर दिया उसनेभरी जवानी में अब ये शाल ओढ़कर रखता हूं। Mohit Yaduvanshi... -
साथ बिताये हर लमहो के दिन जोड़कर रखता हूं।तेरी यादों से खुद को कितना तोड़कर रखता हूं। जुदा होकर मुझे इतना उम्रदराज कर दिया उसनेभरी जवानी में अब ये शाल ओढ़कर रखता हूं। Mohit Yaduvanshi...
मेरे इश्क की परिभाषा ये कैसी हो रही है।महबूब के महबूब की भी फिक्र हो रही है।जी नहीं लगता है जिसके बगैर एक पल भीसुना है उसकी शादी किसी और से हो रही है।Mohit Yaduvanshi... -
मेरे इश्क की परिभाषा ये कैसी हो रही है।महबूब के महबूब की भी फिक्र हो रही है।जी नहीं लगता है जिसके बगैर एक पल भीसुना है उसकी शादी किसी और से हो रही है।Mohit Yaduvanshi...
हर उम्मीद पर खरे उतरने के काबिल होती है।मेरी नसीहत जहन में इतनी दाखिल होती है।देता नहीं वो कभी ऐसे ही किसी को कुछखुदा के हर करिश्मे में शर्तें शामिल होती है। Mohit Yaduvanshi. -
हर उम्मीद पर खरे उतरने के काबिल होती है।मेरी नसीहत जहन में इतनी दाखिल होती है।देता नहीं वो कभी ऐसे ही किसी को कुछखुदा के हर करिश्मे में शर्तें शामिल होती है। Mohit Yaduvanshi.
टूटे दिल, बिखरी यादें ,अधूरी जवानी नही लिखता।प्यार, मोहब्बत, इश्क़ से लिपटी कहानी नही लिखता। मेरा लेहजा, मेरा रुतबा आज भी उफान पर हैजमाना गवाह है मे कोई नज्म पुरानी नही लिखता। Mohit Yaduvanshi... -
टूटे दिल, बिखरी यादें ,अधूरी जवानी नही लिखता।प्यार, मोहब्बत, इश्क़ से लिपटी कहानी नही लिखता। मेरा लेहजा, मेरा रुतबा आज भी उफान पर हैजमाना गवाह है मे कोई नज्म पुरानी नही लिखता। Mohit Yaduvanshi...
रिश्तो के बिखर जाने से तो अच्छा होता। गलतफहमी में रह जाना ही अच्छा होता। तुम कोशिश करते तो सही साथ चलने की तमाम उम्र ये पल याद रखने मे अच्छा होता।Mohit Yaduvanshi. -
रिश्तो के बिखर जाने से तो अच्छा होता। गलतफहमी में रह जाना ही अच्छा होता। तुम कोशिश करते तो सही साथ चलने की तमाम उम्र ये पल याद रखने मे अच्छा होता।Mohit Yaduvanshi.
तकलीफें नसीब को इतना निचोड़ देती है। जीते जी आदमी को बहुत ज्यादा तोड़ देती है। कुछ बनने से पहले इस मिट्टी के ढांचे का जिंदगी की उम्र ही जल्दी साथ छोड़ देती है। Mohit Akole... — % & -
तकलीफें नसीब को इतना निचोड़ देती है। जीते जी आदमी को बहुत ज्यादा तोड़ देती है। कुछ बनने से पहले इस मिट्टी के ढांचे का जिंदगी की उम्र ही जल्दी साथ छोड़ देती है। Mohit Akole... — % &
अच्छा लगा और करते बस यही काम है हम।मुफ्लिंसो की मदद का एक पयाम है हम।कुछ कर ना गुजरने का जो मारा था तूने तानाशोहरत के मुकाम पे खड़े आज खुलेआम हैं हम।Mohit Yaduvanshi.— % & -
अच्छा लगा और करते बस यही काम है हम।मुफ्लिंसो की मदद का एक पयाम है हम।कुछ कर ना गुजरने का जो मारा था तूने तानाशोहरत के मुकाम पे खड़े आज खुलेआम हैं हम।Mohit Yaduvanshi.— % &