Mohit Yaduvanshi   (-Ostim...)
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कामयाबी के पहले खूंट को अपमान लिखा है।
अपने इस नजरिए को मैंने सम्मान लिखा है।
Joined 20 April 2018


कामयाबी के पहले खूंट को अपमान लिखा है।
अपने इस नजरिए को मैंने सम्मान लिखा है।
Joined 20 April 2018
3 APR AT 12:24

मैं तन्हा हो गया हूं तेरे यूं छोड़ जाने से।

किसी ने इनकार किया था क्या इश्क जताने से।

क्या कुछ नहीं किया मैंने हमेशा तेरे लिए।

बस तू ही पीछे छुट गई हर बार रिश्ता निभाने से।

Mohit Akole...

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1 APR AT 19:06

तेरे ख्याल तेरे जज्बात में युक्त होना होगा।

समाज से छुपकर प्यार में गुप्त होना होगा।

बहुत समय बीत चुका सब व्यर्थ लगता है

अब प्रेम की पीड़ा से मुझे मुक्त होना होगा।

Mohit Yaduvanshi...

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28 MAR AT 13:30

तेरी नजर में कोई बात हो ये जरूरी है क्या।

ये ना समझ मेरी जिंदगी तेरे बिना अधूरी है क्या।

अब नहीं जिया जाता मैं कब तक टूटकर बिखरू

तेरे इश्क की गिरफ्त से निकलने की मंजूरी है क्या।

Mohit Yaduvanshi...

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26 MAR AT 12:45

साथ बिताये हर लमहो के दिन जोड़कर रखता हूं।

तेरी यादों से खुद को कितना तोड़कर रखता हूं।

जुदा होकर मुझे इतना उम्रदराज कर दिया उसने

भरी जवानी में अब ये शाल ओढ़कर रखता हूं।

Mohit Yaduvanshi...

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24 MAR AT 11:57

मेरे इश्क की परिभाषा ये कैसी हो रही है।

महबूब के महबूब की भी फिक्र हो रही है।

जी नहीं लगता है जिसके बगैर एक पल भी

सुना है उसकी शादी किसी और से हो रही है।

Mohit Yaduvanshi...

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17 DEC 2023 AT 12:03

हर उम्मीद पर खरे उतरने के काबिल होती है।

मेरी नसीहत जहन में इतनी दाखिल होती है।

देता नहीं वो कभी ऐसे ही किसी को कुछ

खुदा के हर करिश्मे में शर्तें शामिल होती है।


Mohit Yaduvanshi.

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12 JUN 2023 AT 18:51

टूटे दिल, बिखरी यादें ,अधूरी जवानी नही लिखता।

प्यार, मोहब्बत, इश्क़ से लिपटी कहानी नही लिखता।

मेरा लेहजा, मेरा रुतबा आज भी उफान पर है

जमाना गवाह है मे कोई नज्म पुरानी नही लिखता।


Mohit Yaduvanshi...

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21 FEB 2023 AT 8:26

रिश्तो के बिखर जाने से तो अच्छा होता।

गलतफहमी में रह जाना ही अच्छा होता।

तुम कोशिश करते तो सही साथ चलने की

तमाम उम्र ये पल याद रखने मे अच्छा होता।


Mohit Yaduvanshi.

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26 OCT 2022 AT 16:21

तकलीफें नसीब को इतना निचोड़ देती है।

जीते जी आदमी को बहुत ज्यादा तोड़ देती है।

कुछ बनने से पहले इस मिट्टी के ढांचे का

जिंदगी की उम्र ही जल्दी साथ छोड़ देती है।


Mohit Akole... — % &

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23 OCT 2022 AT 21:52

अच्छा लगा और करते बस यही काम है हम।

मुफ्लिंसो की मदद का एक पयाम है हम।

कुछ कर ना गुजरने का जो मारा था तूने ताना

शोहरत के मुकाम पे खड़े आज खुलेआम हैं हम।


Mohit Yaduvanshi.— % &

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