Seth ke paas bahut paisa hai, bas Mai nahi hoon.
- Ravish Kumar
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पर जब जाते वक़्त भी कहा था तुमने
"जल्दी आना"
तब फिर सोचा थोड़ी ही देर की है बात
फिर मिलने की घड़ी अब ज्यादा दूर भी तो नहीं
तो कर लेते हैं थोड़ा और इंतजार
पर जब वक़्त ने करवट जो बदली
चाह कर भी रोक ना सका तुमको
तब मैंने भी "तुम चलो, में आता हूं जल्दी ही" कहकर
अपने आप को रोका था
पर अब बस उसी मुलाकात का इंतजार है
जब साथ होगी तुम और कोई घड़ी नहीं होगी हम दोनों के पास
अजनबी से मिलकर तुम अब जो हमारे दिल के हो इतने पास
तो ना जाने क्यों कोई ना था अब तक इस दिल का हमराज
पता नहीं इससे लोग क्या कहते हैं?
पर तुमसे मिलना भी कोई यूं तो नहीं है इत्तेफाक़
बस कोई पूछे अब मुझसे "कौन है वो"
तो कह दूंगा मुस्कुराकर "परी से हुई है मेरी मुलाक़ात"
#६एंडगोइंग-
ख्वाहिशों की दूनिया में
हमारी ख्वाहिशों का आसमन
ज़रा छोटा है
जो तुम से शरु बस ..तुमपे ही खत्म होता है
हर ख्वाहिशें पूरी हो इस दिल की
आज के इस दौर में ऐसा भी कहीं होता है
मेरी ज़िन्दगी के हर पन्ने को पढ़ने की कोशिश ना कर
किताब का हर पन्ना खास कहा होता है
निकलो अपनी मश्रुफियत के जहां से तो जानोगे
बारिश में हाथ थामकर भीगना क्या होता है
मन की लहरें हैं गिर गिर के उठती हैं
सागर की लहरों में ठहराव कहा होता है
कहते हैं के तुम्हे देखकर ही मेरे चेहरे पे नूर आता है
आ जाओ और रह जाओ उम्र भर के लिए
क्या करु की अब इंतजार नहीं होता है
हमारी ख्वाहिशों का आसमन
ज़रा छोटा है
जो तुम से शरु बस ..तुमपे ही खत्म होता है।
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Apne sau gumon ko para rakh
Mera bas vo ek gum mit jaaye
Aisi dua vo karta hai..
Ji Haan doston uska ishq is qadar
meri rooh ko chuha karta hai..
Kabhi khawaab me bhi Dekh le
Mujhe dur jaate khudse
Toh mere maathe ko aake chum liya karta hai..
Mai khushnaseeb hoon ke
vo mujhe khone se darta hai..
Ke shikayatein toh lakho
rehti hongi usey bhi mujhse
Magar kare mera zikr koi toh
tareefon ke pool bandh diya karta hai ...
Gawara nhi usey ke
koi gandi nazaron se dekhe mujhe,
Kamzor mai na pad jaun,
isiliye vo aksar mere kandho pe
apna haath rakh liya karta hai..
Mai khushnaseeb hoon ke
vo mujhe khone se darta hai..-
Ek toh main gareeb,
Upar se ishq kar baitha
Apni hasiyat se jyada
Apne khawaab dekh baitha
Socha, tere ishq me zinda hoon mai
Aankhe kholi toh dekha
Apne hi kabar pe baitha hua tha mai
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Diwali ki raat jab
diwali si naa lage
Ye sheher un raaton me
Kabhi apna sa na lage-
Dubara ishq hua toh tujhse hi hoga..
Aashiq hoon mai... Aawara nhi.-
तू राधा उस आंगन की जहाँ बंसी मैं बजाता था
लिपट गयी तेरी चुनरी मुख पे गीत यही मैं गाता था।
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मेंहदी का रंग भी तेरी हाथों की यह दर्शाता है
बेपनाह मोहब्बत करता हूँ तुम से मैं, यह दिखलाता है।-