खुद कमाने लगा
तब समझ आया,
बाप ने बाप का
किरदार किस तरह निभाया...!!!-
जब किसी से बात करके
सुकून मिलने लगे तो
समझ लेना कि बर्बादी,
बहुत करीब है.. !!!-
हम झूठों के बीच मे सच बोल बैठे
वो नमक का शहर था,
और हम जख़्म खोल बैठे..!!!-
महबूब के लिए क्या दुनिया से लड़े,
यहां महबूब के साथ ही लड़ाई खत्म नहीं हो रहीं.!!-
मैंने हर बार तुझे सुलाया है
तूने तो हर बार मुजे रुलाया है
और कहते हैं साथ खाने से मोहब्बत बढ़ती है
यार मैंने तो तुझको अपने हाथों से खिलाया था..!!-
वो आज हमसे मिले अनजानों की तरह
हम यू ही राह तके बैठे थे दीवानों की तरह,
हर निगाह मे और दूर चले जाते हैं
हमसे नजर चुराते हैं बेईमानों की तरह,
हम यू ही राह तके बैठे थे अनजानों की तरह..!!
😓😓-
चाह कर चाहे एक बार फिर छोड़ देना तू,,
दिल तोड़ तुझे जाने की इजाज़त आज भी है..!!-
हमने जो की थी मोहब्बत आज भी है,
तेरे जुल्फों की साये की चाहत आज भी है,,
रात कटती है आज भी ख्यालो मे तेरे,
दीवानों सी वो मेरी हालत आज भी है..!!!-