Mohit Ranjan  
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Joined 12 April 2024


Joined 12 April 2024
24 APR AT 22:32

क्या ही मिला इतना समय लेकर बताने में
की मैं तेरे लायक न था, तू मुझे बस अपने अकेलेपन को दूर करने का एक जरिया मानती थी !

हां मैं एक इनतिखाब था तेरे जीवन का मगर तेरे खालीपन को दूर करने के लिए

क्यों ही इतना फर्जी अपनापन का ढोंग रचा है तूने मुझसे मोहब्बत करने का की पल भर में मैं कौन और पलभर में मैं सबकुछ हो जाता हूं!

अब बस चली जाओ जल्द से जल्द उस खुशकिस्मत के पास जो तुम्हे तुम्हारी हर खुशी दे सके और उसे तुम अपनी रूह से मोह्हबत कर सको,

जिसके साथ हर पल जीना अच्छा लगे ना की हर पल की घुटन मिले जो मेरे साथ मिलती थी ।

तुम अपने सपने सजाने में मसरूफ़ थे और मैं तू वो पूरा कर ले इसकी खुशी के इंतजार में

लेकिन क्या तू मुझे और मेरे हर पल की बेचैनी, तेरी खुशी, तेरा हसना, तेरा सबकुछ पा लेना के इस सफर में भूल जायेगी ये मुझे पता न था,

खैर अब तो हमारी नुमाइश करने का कोई मतलब भी ना बनता है और न तुम्हे याद होगा की कभी तुम मुझे साथ देते थे और कभी मुझसे साथ मांगा करते थे,

अब तो बस याद आती है तो बस तेरा खुदके सपने सजाने में मसरूफ़ रहना और मेरा ये सोचना की तेरे सपने पूरे करने में मेरा हिस्सा तेरे जान में बस सा जायेगा, लेकिन वो हिस्सा तो दिल और दिमाग से निकल चुका है ।।


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19 APR AT 1:36

खतम तो कबका हो चुका था सब...
समझ देर से आया हमे इसमें उनकी क्या गलती ।

वो तो चीख चीख कर बोलते थे तुम हो कौन....
अब उसको प्यार भरा गुस्सा समझा हमने इसमें उनकी क्या गलती ।

प्यार करो बेइंहता करो, क्या उन्होंने कहा था ?
अब उसके बदले प्यार की उम्मीद कि हमने तो इसमें उनकी क्या गलती ।

सबको अच्छा चाहिए होता है, इसमें कोई गुनाह नही ...
हम अच्छे बन न पाए तो इसमें उनकी क्या गलती ।

बहुत समय दिया उन्होंने हमे की हम लायक बने उनके....
अब हम उस लायक बन न पाए तो इसमें उनकी क्या गलती ।

आखिर वो भी खोज में निकल गए अपनी खुशी कही और ,
हम उन्हे वो खुशी दे ना पाए तो उसमे उनकी क्या गलती ।


अब वो खुश तो हैं उस हरफनमौला को पाने के बाद.....
अब हम हरफनमौला बन न पाए तो इसमें उनकी क्या गलती ।

कभी हमारे हर जख्म में दर्द होता था उन्हे,
आज अचानक हमारे जख्मों को कुरेदने में खुशी मिलती है उन्हे,

जो हो जैसा भी हो, अब वो हमे ना लगाए तो इसमें उनकी क्या गलती,

गलती तो अपनी थी की हमे जिस्म से नही रूह से थी मोह्हब
पर उन्हे हमसे कोई मोहब्बत थी ही नहीं, आज शायद जिस्म और रूह दोनो सुकून उन्हे दे रहा हो नया प्यार लेकिन हमे उस लायक वो समझ न पाए तो इसमें उनकी क्या गलती ।।।

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13 APR AT 0:07

मैं याद तुम्हे करता हूं हर पल ..
पर अचानक तुम क्यों मुझे भूल से जाते हो ,
दिनभर खाली बैठने की आदत नही तुम्हारी...
तो क्या मुझे छोड़ कर खुश रह पाते हो,
यूं तो लाख पूछता हु डर डर कर ही सही..
दिनभर कैसा गया पर बता ना पाते हो,
यूंही खुदमे गुमनाम हो या ...
मुझसे अब कुछ कुछ छुपाते हो,
यूं तो भरोसा इतना है तुझपे की खुद से ज्यादा...
लेकिन क्यों मुझसे इतने दूर रहकर खुदको खुशनाम पाते हो,
मेरा इरादा नहीं तुमपे शक करने का...
लेकिन फिरभी मुझसे छुपा कर खुदको ऐसा क्या पाते हो ।।

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