तुझसे जो करनी थी वो बात रह गई।
साथ थे कभी हम , ये याद रह गई।
यादों में याद पहली मुलाकात रह गई।
गई दूर इतना फिर भी , पास रह गई।-
अदाकार ऐसा की तूने दिल में घर कर लिया,
मुस्कान तेरी ने दिल में रह बसर कर लिया।
गया तू ये दुनिया छोड़ कर क्यों ऐसे,
क्या दुःख ने तेरे दिल को इतना भर लिया।
-
यूं तो कहने को बीमारियों से इंसान डर रहा है,
बचने के बाद भी कुकर्मों से हर बार मर रहा है ।
गलती क्या उसकी जो अभी दुनिया में भी नहीं आया,
बेजुबां के साथ अन्याय लगातार, बार - बार कर रहा है।
जानवर में नहीं होती जान , उनसे ये कौन कह रहा है,
ऐसे ही कुकृत्यों से इंसानियत का स्तम्भ ढह रहा है।-
हसरत-ए- जिंदगी या
जिंदगी की हसरत ।
तू जो मिल गई है ,
तो सब मिल गया है।-
मेरी नाक में नथ ,
और है गले में गुलोबन्द।
मेरी मुस्कान का राज है,
ये मेरा उत्तराखंड।-
चेहरे पर मुस्कान है पर जिंदगी में गम हैं
सहती है दुःख बहुत पर बताती हमें कम हैं
किरदार है मोती सा पर आंखें तेरी नम हैं
भगवान में भी मानता हूं पर वो भी तुझसे कम हैं
रहती है कुछ सख़्त सी पर दिल से नरम है
शुरू तुझ से जिंदगी है और तुझ पर ही ख़तम है।
#माँ-
दूसरों के घर बनाता ,अपने घर से दूर है।
मजदूर है मजबूर है ,चेहरे पे फिर भी नूर है।
बच्चों से रहता दूर क्योंकि अपने दुख में चूर है।
खुद की खुशियां दांव पर है ,फिर भी पत्नी हूर है।
मजदूर मरता भूख से तो उसका क्या कसूर है।
थोड़ा कमाना भर पेट खाना ही तो बस फितूर है।-
वक़्त यूं ही गुजर जाएगा.
रूठने और मनाने में,
कोसेंगे बेवजह वक़्त को
तब किसी जमाने में।-
नहीं है कोई रंग तुझसा.
..........
और ना ही रंगा....
उस रंग में कोई मुझसा.....-