Mohit Panwar   (whoismohit)
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In Search of Air.

My pen name goes by these “infantprodigy”, “जोगी” and “whoismohit”.
Joined 29 November 2017


In Search of Air.

My pen name goes by these “infantprodigy”, “जोगी” and “whoismohit”.
Joined 29 November 2017
1 FEB AT 19:01

I’m not in love, rather in love with the process of loving you, love.

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13 JAN 2024 AT 20:40

मानता हूँ, अब बात नहीं होती
पहले जैसे कोई रात नहीं होती
है आया फिर मौसम वही
जिस में बंजर ज़मीन पर बरसात नहीं होती

नींद तो आती है
पर आखें लाल नहीं सोती
है जाने क्या कसक इन साँसों में
लाख कोशिश आख़िर लाख क्यों नहीं होती

ये नज़रें ढूँढे हैं तुझको अब
हैं चाहती फिर दीदार तेरा
चाहे कितना भी जला लूँ ख़ुद को
अब उम्मीद मेरी भी राख नहीं होती।

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5 NOV 2023 AT 16:23

आ तेरा आख़िरी ख़्वाब हो जाऊँ
तेरी मोहब्बत का एक हिसाब हो जाऊँ
जहां पहले जोड़ा गुना किया और फिर घटाया है ख़ुद को
जहां फूल रख भूला तू, मैं वो धूल भरी किताब हो जाऊँ।

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2 NOV 2023 AT 3:07

अब और क्या इख़्तियार दिया जाये
के ग़मगीं आँखों का हिसाब किया जाये

बेरुख़ी तो मैंने ख़ुद ख़ुदा से कर दी
कह दिया के तुझे भी वही दर्जा दिया जाये।

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27 OCT 2023 AT 9:32

ख़ुद ख़ुदा बन बैठा दिया अब और क्या चाहिए?
है तिलिस्मिन सा तू दिया अब और क्या चाहिए?

बुला सभी दीवानों को के हो ही जाए एक और जंग
पहली सफ़ में हूँ खड़ा अब और क्या चाहिए?

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23 OCT 2023 AT 11:05

बे-आबारू

आज हो ही जाऊँ बे-आबारू मैं
पता तो चले कौन क्या दाग देगा
रखेगा कोई बना एक अनूठा सपना
या कोई बना मुझे ख़ाक देगा।

अपने हाथों मिटने को तैयार बैठा
कोई मुझे मेरी ही पनाह देगा
क्या जाने बिक जाऊँ बाजारों में
जो मेरी हस्ती ही मिटा देगा।

साँसों का चलना तो चलता ही रहेगा
होगा जो कोई अपना तो मुझे मुझसे ही मिला देगा
उम्मीद की लौ तो डगमगा ही रही है
क्या जाने कोई मुझे मुझमें ही बना राख देगा।

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9 OCT 2023 AT 0:20

तुम पहले ही खूबसूरत हो अब क्या और किस किसको बताओगे?
यूँ लगा ना देखो काजल शीशा, कह देता हूँ ख़ुद ही नज़र लगवाओगे।

आख़िर कब तक टालेंगे हम मिलने की तारीख़ों को
बस बहुत हुआ अब और कौन से फूल भिजवाओगे?

और मैं पहले ही इंतेला कर देता हूँ तुम्हें
इस मोहब्बत में तुम मुझे भरे शहर में मरवाओगे।

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28 AUG 2023 AT 12:14

हँसता भी हूँ तो रुला देती है ज़िंदगी

भला कौन तेरा नाम लेकर फ़ासले गिनाता है?

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23 AUG 2023 AT 14:52

मुझे मौत से प्यार है पर जीना पसंद है
हंसी का वास्ता ही क्यों जब ग़म पीना पसंद है
दुनिया के सौ सवालों के जवाब है मेरे पास पर
इस नामुराद को तेरे आगे चुप रहना पसंद है।

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17 AUG 2023 AT 23:54

ख़्वाब ये फिर एक झूठ निकले
मुझसे, मैं फिर मजबूर निकले
ना चाहत बचे तब, ना रहे हिम्मत बाकी
काश मेरी भी कोई फ़रेबी सी तस्वीर निकले।

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