Mohit Madhusudan   (Madhusudan Mohit)
2.4k Followers · 168 Following

read more
Joined 20 October 2019


read more
Joined 20 October 2019
22 APR 2022 AT 23:16


वत्सनाभ !

(अनुशीर्षक में )
— % &वत्सनाभ— % &वत्सनाभ— % &वत्सनाभ— % &

-


12 APR 2022 AT 20:09



सिया बिन !

( अनुशीर्षक में )

— % &सिया — % &बिन — % &राम !— % &
सिया बिन !— % &

-


1 APR 2022 AT 22:34

तुम्हारी मुस्कान
है प्राण ! प्राण !

( अनुशीर्षक में )— % &मुस्कान— % &तुम्हारी— % &तुम्हारी मुस्कान
है प्राण ! प्राण !— % &

-


26 MAR 2022 AT 21:56

सहूलियतों से सवाल !
( आखिरी पलों में
भगत सिंह )

(अनुशीर्षक में )— % &शाहिद ए आज़म— % &भगत सिंह— % &
सहूलियतों से सवाल !— % &

-


19 MAR 2022 AT 22:06

तुम्हे होली कहूं ?
तुम्हे होली कहूं !


( अनुशीर्षक में )

-


12 MAR 2022 AT 21:28


तुम्हारे बस का नहीं !

( अनुशीर्षक में )

— % &तुम्हारे— % &बस का— % &
तुम्हारे बस का नहीं !— % &— % &

-


8 MAR 2022 AT 22:41


स्त्री श्रृंगार से विमर्श तक

(अनुशीर्षक में )
— % &स्त्री— % &श्रृंगार— % &विमर्श— % &

स्त्री श्रृंगार से विमर्श तक— % &

-


5 MAR 2022 AT 22:45

पता जो होता !

(अनुशीर्षक में )— % &तुम — % &तुम — % &पता जो होता !
— % &

-


27 FEB 2022 AT 22:21

जंगें न तुम्हारी, ना हमारी

वहां राजाओं के सिंहासन बचे रहे ,
यहां जंगी मैदान लाशों से पटे रहे !
सिंहासन ही इतिहास का अधिकारी,
मरना मर जाना है हमारी जिम्मेदारी ।

( अनुशीर्षक में )— % &August coup— % &शांति— % &नमन — % &जंगें न हमारी, ना तुम्हारी— % &

-


22 FEB 2022 AT 22:42

हमारी कॉफी और तुम !
(अनुशीर्षक में )
— % &तुम — % &तुम — % &हमारी काफी और तुम !— % &

-


Fetching Mohit Madhusudan Quotes