वत्सनाभ !
(अनुशीर्षक में )
— % &वत्सनाभ— % &वत्सनाभ— % &वत्सनाभ— % &-
काला चश्मा लगा कर,
लोगो के सफेद जुर्म
पहचाननें की कला रखता हूं🙌... read more
सिया बिन !
( अनुशीर्षक में )
— % &सिया — % &बिन — % &राम !— % &
सिया बिन !— % &-
तुम्हारी मुस्कान
है प्राण ! प्राण !
( अनुशीर्षक में )— % &मुस्कान— % &तुम्हारी— % &तुम्हारी मुस्कान
है प्राण ! प्राण !— % &-
सहूलियतों से सवाल !
( आखिरी पलों में
भगत सिंह )
(अनुशीर्षक में )— % &शाहिद ए आज़म— % &भगत सिंह— % &
सहूलियतों से सवाल !— % &-
तुम्हारे बस का नहीं !
( अनुशीर्षक में )
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तुम्हारे बस का नहीं !— % &— % &-
स्त्री श्रृंगार से विमर्श तक
(अनुशीर्षक में )
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स्त्री श्रृंगार से विमर्श तक— % &-
पता जो होता !
(अनुशीर्षक में )— % &तुम — % &तुम — % &पता जो होता !
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जंगें न तुम्हारी, ना हमारी
वहां राजाओं के सिंहासन बचे रहे ,
यहां जंगी मैदान लाशों से पटे रहे !
सिंहासन ही इतिहास का अधिकारी,
मरना मर जाना है हमारी जिम्मेदारी ।
( अनुशीर्षक में )— % &August coup— % &शांति— % &नमन — % &जंगें न हमारी, ना तुम्हारी— % &-
हमारी कॉफी और तुम !
(अनुशीर्षक में )
— % &तुम — % &तुम — % &हमारी काफी और तुम !— % &-