.....
-
लिखना शुरु किया 28 February 2018 से
शायरी नही
हम तो बस दिल ... read more
अकेला ही लड़ता हूं हालातों से मेरे पास बहानों की डार नहीं होती
कमाना पड़ता है धन पसीना बहाकर आसमान से पैसों से बौछार नहीं होती
सलाहकार सब है साथी कोई नहीं खुद पर भरोसा और जीतने का जज्बा रखना
क्योंकि कागज की कश्ती से कभी नदियां पार नहीं होती...@-
अपने महबूब की सीरत पर फिदा है हम
अफसोस ! उसी शख्स से जुदा है हम
उसे शायद ये कभी ख्याल नहीं आता
कि उसी के ख्यालों मे गुमशुदा है हम...@-
वक्त मेरे हिसाब से नहीं चलता
दूसरा किस्मत की गुल्लक नहीं फुट रही
एक सांसों की माला नहीं टुटती
एक लिखने की आदत नहीं छूट रही...@-
चुप जुबान मे दुखों का चीखता शोर देखा है मैंने
बुरे दौर से भी बहुत बुरा दौर देखा है मैंने...@-
लेकर सांस से सांस काट रहा हूं
किसी के लौटने की आस काट रहा हूं
मेरी हालात देख कर मुझसे मिल लिया कर
कुछ वक्त तुझसे दूर तो कुछ तेरे पास काट रहा हूं
ये वक्त बड़ा बेरहम रहा है मुझ पर
अपने ही दांतों से अपनी लाश काट रहा हूं
मेरी जिंदगी रामायण की कहानी से नहीं मिलती
मै फिर भी तेरी शर्तों पर वनवास काट रहा हूं...@-
उसकी यादों के मेरे दिल मे
जलते दिये बुझाने आए है
उन्ही के हाथों के निशान थे
मुझे लगे खंजर पर
मुझे नहीं लगता वो मुझे बचाने आए है
हाल ये है कि हम अपने ही कातिल से
जिंदगी की उम्मीद मे है
वो सज कर भी आए है फुल भी लाए है
लगता है मेरी मैय्यत सजाने आए है
कोई जाकर समझाए उसे मुर्दे डरते नहीं
भुत , पिशाच और चुड़ैलों से
वो पहनकर मुखौटा मुझे ड़राने आए है...@-
एक तेरी याद है जो मुझे सोने नहीं देती
एक मेरी पलकें है जो मुझे रोने नहीं देती
मै लाख कोशिशें कर चुका है आगे बढ़ने की
एक तेरी बेवफ़ाई है जो मुझे किसी का होने नहीं देती...@-
किसी का मन गुलाबों से बहलता है
तो किसी का दिल शराबों से बहलता है
हम शायर मिजाजी इंसान हैं
हमारा दिल किताबों से बहलता है...@-