Mohit Kumar   (‘मोहि’)
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Joined 4 May 2020


Joined 4 May 2020
7 JUN AT 22:41

है मजीद इतना ही ,
दो लफ़्ज़ मरहम के ,
कि ख़ैरियत पूछते हैं,
लोग अब भी मुझसे ..।।

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7 JUN AT 22:01

कुछ देर में नज़र आया ,
दस्तूर दिलों का ,
वरना हम भी सम्भल जाते ,
वक़्त रहते ..।

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15 MAY AT 10:03

रिश्ते

रिश्ता है पैसे का ,
कोई , रिश्ता अब अनमोल नहीं ,
कहाँ बगल अब झाँकूं मैं ,
क्या बचा कोई ,
जहाँ पर झोल नहीं ,

जहाँ दिखे है माया सबको ,
बिन रिश्ते , जुड़ जाते हैं ,
जहाँ दिखे हैं रूखी रोटी ,
रिश्ते किश्तों से बट जाते हैं ,

अपना-अपना कहकर जो ,
जो अपनापन दिखलाते हैं ,
वही अक्सर बीच राह ,
कभी भी रिश्ते नहीं निभाते हैं .।।

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24 APR AT 22:55

जो घूम रहा धरा पर अपनी ,
वो हिन्दू हुआ बेचारा है ,
करकट काट रहा चुन कर ,
सबसे हुआ किनारा है ,
कोई भाव लिए लोभ का ,
अपना अपना चिल्लाता है ,
कोई अपना होकर भी ,
बस मूक बधिर सा बैठा है,
कितने तूफ़ान उठे हैं सन्नाटे मे ,
इसकी कोई थाह नहीं ,
ये हिन्दू है ,
मौन कटार है छाती में ,
है व्याकुल कटने को ,
बस काटना भूल गया ,
खुली हुयी हैं आँखें इसकी ,
बस जागना ही तो भूल गया ..।।

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10 APR AT 21:58

कुछ रह गये लम्हे क़ैद निगाहों में,
कुछ दिल में क़ैद हैं ,
हम जी रहे हैं ज़िन्दगी ,
कभी निगाहों के सहारे हैं ,
कभी दिल के सहारे हैं ..।।

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26 MAR AT 22:41

तेरी यादों में , यूँ झूल गये ,
लिखे दो लफ़्ज़ और दो भूल गये ,
ख़ुशियाँ, मुस्कुराहट, सुकून , सब था ,
न जाने कहाँ , नामाकूल गये ..।।

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10 JAN AT 10:03

देखता हूँ जो , हालात ए दर्द कहीं ,
तो खुद की तस्वीर , नज़र आती है ,
कभी फिसलती है , कभी निकलती है ,
रेत सी है ज़िन्दगी ,कहाँ हाथ आती है ..॥॥

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26 DEC 2024 AT 0:37



जब ख़ामोश होता हूँ ,
अकेले में रोता हूँ ,
दिल समझता है सब ,
और चुप रहता है ,

जब नकार दिया जाता हूँ ,
और ठोकरें खाता हूँ,
दिल समझता है सब ,
और यही कहता है ,

देख सब में वही है ,
जो तुझमें रहता है ,

सच है बस यही ,
दिल समझता है सब ,
और चुप रहता है ..।।

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25 DEC 2024 AT 23:03

चलते वक़्त अब जा ठहर ,
न सुकून है अब किसी पहर ,
कितना सहेंगे सब,
तेरा क़हर ,
कुछ वक़्त दे आज़माने को ,
कुछ दे दे वक़्त मुस्कुराने को ..।।

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21 NOV 2024 AT 23:33

साज ढूँढता हूँ ,
कभी आवाज़ ढूँढता हूँ ,
खो गये हैं जो कहीं ,
वो एहसास ढूँढता हूँ ,
मैं रुख़ सितारों का किये बैठा हूँ ,
और चरागों में आस ढूँढता हूँ ..।।

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