दिन भर Net पे दिल थामें हुए,
अपने Inbox का चहरा तकता रहा,
एक Message आने की उम्मीद मै,
जुगनुओ की तरह जलता- बुझता रहा,
......
धुप निकली मगर फीकी फीकी लगी,
जैसे सुबह phone पे तेरी आवाज़ थी,
सर्दी इतनी नही थी, मगर फिर भी इक
कंपकपी सी रही मै सिहरता रहा।
.......
माना गलती की है मैंने, थोड़ा नादान हु ना,
अब कर भी लो बातें जैसे कल हमने की थी,
अरे तुम तो समझदार हो ना.............-
There was me in a parallel universe trying to hold everything to became mess
And here I am to let everyone ruin to every pinch of hope I own-
किसी हकीम से सीखा हुआ इश्क़ है उनको,
ख़ुराक इतनी की बस मर्ज ठीक हो पर नशा ना हो,
और एक फ़क़ीर की झौली सी मोह्हबत है हमारी,
लुटाई इतनी की कभी कल तक जी पाएंगे ये आस ही नहीं..-
ज़रा नखरे तुम भी सिख लो ग़ालिब इस रीवायते इश्क़ मे,
क्योंकि आसान मिली मोहब्बत को लोग यहां खेरात समझ लेते है.........-
There was me trying to fix the world for her, and there was she have the audacity to ruin everything just to satisfy his ego....
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ए बारीश कुछ ऐसा इंतेज़ाम सा किया जाए,
दिलो का मिलना का काम सा किया जाए,
भीगो को दो बदन को साथ साथ,
ये रास्तों की दूरी को पास सा किया जाए........-
दीदार चांद का करना तस्सवुर मे तुझे लाना,
बड़ा मुश्किल हे फिर दोनों मे फ़र्क कर पाना.....-
वह छुपा रही थी आंसू इन रातो के अंधेरे मे,
पर इन सड़को की बत्त्तयो ने उसके सारे इरादे नाकाम कर दिए-
कौंन कहता हे कि दीवारो के सिर्फ कान होते है
मैंने जलती हुईं दीवारो को रोते भी देखा है......-