मोहब्बत का सफर जब कभी मंजिल तक जाता है, कोई सहारा देता है तो कोई नफरत से ठुकराता है, आसान नही इस दुनिया मे इश्क को जिंदगी बनाना, मुश्किल है ढूँढना वो शख्स, जो किए वादे निभाता है ।।
मै उसके बाद चल नही पाया किसी के साथ, उसने भी सिर्फ काम चलाया किसी के साथ, जो मुश्किलो से मैने सिखाया था उसको दोस्त, उसने वो इश्क करके दिखाया किसी के साथ!!
Rooh me samil hai fakat Nas Nas me Nahi, Wo ek shaksh jo meri dastarat me nahi, Hal yahi hai janab ki bhul jaye Use, Kya kare, ki Bas ek yahi bat mere Bas me Nahi...
हवस सर पे हो तो इश्क नही दिखता, बहुत मुश्किल है खरीदना, बाजार मे वफा नही बिकता, हम जिस बात से डरते है, मोहब्बत मे आखिर मे वही होता है, शक करना इस लिए गलत है, क्यो कि ये अक्सर सही होता है ।।
लिखूंगा खुन से ये दास्ता, जो गुजरी मुझपर मर जाउँगा, मगर किसी से कुछ कहुंगा नही, सफर जो कर रहा उसका मै मुसाफ़िर नही, मेरी मंजिल थी तू, मगर अब ये मुमकिन नही ।।