सियासतों की ज़िद पर
किस कदर हर 'हां' मजबूरी है ?.?.
ज़माने सही कहते हैं
पहरेदारों पर भी पहरेदार ज़रूरी हैं ।।।।-
@wordingthecraves (fb & insta)
9466994434
असत्य एक निरंतर कार्यप्रणाली है ,
आसान तो है...परन्तु
हर शब्द का उच्चारण संभाल कर रखना पड़ता है ।।।
यद्यपि सत्य,
कठोर मनुष्य का व्यंजन ,,
जिसका सेवन तथा पाचन दोनों ही कठिन है ।।।।-
How vividly human boundaries can describe ?.?.
किरदारों का कसूर
इंसानों को मजबूर रखता है ।।।।-
यादों का वज़न
अंदाज़न क्षमताओं से परे होता है !!
किसी एक कलेजे के
बस की बात नहीं .... संभालना ।।।।-
पिताओं के बारे में लिखने की हिम्मत
पिता
बन जाने के बाद ही आ सकती है ।।।-
कभी कभी आसान भी
कितना मुश्किल हो जाता है ,,
या फिर उसको आसान रखना
मुश्किल हो जाता है !!
सिर्फ जीना ही तो है
अब ये आसान लग तो रहा है ,,,
और कितना मुश्किल है अगर कोई कहे
कि आसानी से जीना है ।।।।-
हर ज़रूरत की चीज़ को लिखना
बोहोत मुश्किल काम है !!
आख़िर.... एक कलम लिखावट में
कितनी बार बदलाव करे ।।।।-
किस किस को
पढ़ने करने की जुर्रत करें !!
अधूरों में वहम ज़्यादा
मुकम्मल में अहम ।।।-