मेरी बेवफ़ाई की तुम सजा लिखना
मुझसे हुई जो, तुम वो खता लिखना
लिख देना तुम मेरे सारे गुनाह
के मेरे इश्क को तुम दगा लिखना ✍️
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भले ही दूर है तू मुझसे
लेकिन तेरा एहसास हि काफी है
तू गुजरेगा कभी मेरी गलियों से
बस अब यही आस बाकी है....✍️-
लिख लेती थी परेशानियां अपनी
हर रोज पनों पे....✍️
अब उलझी हूं ऐसे जिंदगी में
जैसे लिखा ना हो मैने जन्मों में-
मेरे दिल की धड़कन का तू जरिया बन गया है
तेरे इश्क का मेरे दिल में दरिया बन गया हैं...✍️
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लबों पे खामोशी
दिल में शोर सा है
यकीनन
आयेगा सबेरा एक दिन
अभी अंधेरा घनघोर सा है
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ना जाने क्या जवाब दूं मैं अपनी 'कलम' को
के चाह के भी कुछ लिख नहीं पाती मैं,
बडी 'कश्मकश' में गुजर रही है ये जिंदगी
के हज़ार ठोकरें खा के भी कुछ सीख नहीं पाती मैं ✍️-
Raat jaag ke langayi
Gin ambran de tare
Uthe eh sili - sili hawa
Te aasi bujhadi aag de sahare
Jadon bhi tainu takk Lavan
Mainu bhul jande ne Dharti Chan te taare
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मैं जितना तुम्हारे करीब आती हूं
तुम उतना ही दूर चले जाते हो
अब बस भी करो ना तुम,
इतना भला क्यों सताते हो??
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