एक बच्चा पैदा हुआ अमीर के घर
एक बच्चा पैदा हुआ गरीब के घर,
एक बच्चे के सिर पर था हीरों का ताज
एक बच्चे के सिर पर था गरीबी का आज,
एक बच्चा खाता था खाना अच्छा
और पहनता था महँगे कपड़े,
एक बच्चा खाता था बचा कुचा
और पहनता था माँगे हुए कपड़े,
अमीर का बच्चा बड़ा हुआ अफसर बना
गरीब का बच्चा बड़ा हुआ गरीब ही रहा,
अमीर बच्चे ने बितायी ऐशो आराम की ज़िंदगी
गरीब बच्चे ने बितायी हैरत भरी ज़िंदगी,
एक दिन गरीब बच्चे को क्रोध आ गया
हक माँगने से नहीं मिलेगा उसके समझ आ गया,
मेहनत कर बच्चा आगे बढ़ा
अब नहीं माँगूँगा प्रण उसने लिया,
एक दिन कुछ ऐसा कर दिखाऊँगा
दुनिया की नज़रों में अपनी पहचान बनाऊँगा,
जो आया है इस दुनिया में वो जायेगा ज़रूर
पर मैं दुनिया से जाकर भी
लोगों के दिलों में रह जाऊँगा ।
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