मन के अंधकार को दूर कर "ज्ञान का दीपक जलाया"
"द्वेष, ईर्ष्या और क्रोध" को दूर कर मन का हर विकार मिटाया
"शांति, प्रेम और करुणा "के साथ जीवन का है "सार" सिखाया
जब जब आयी विपत्ति सदैव "धर्म का मार्ग" दिखाया
"भगवान" ने भी स्वयं "गुरु का स्थान "सबसे पहले बताया
करती रहूं सदा आपका "अभिनंदन"मैं
हे परम गुरु आपके "चरणों" मैं मेरा "वंदन" है !
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