कोई कान लगाकर तब तक ही सुनता है जब तक फक्र पडता है।
जब फक्र पडना बंद हो जाता है तब तो ध्यान भी नहीं लगता।।-
Isse acha mujhe ata hi nh
माँ
कर के रिशते के धागो को कच्चा
रोता छोड़ गईं वो अपना बच्चा
पी रहे हैं जहर हम उसे खोकर
अब याद ही कर सकते हैं रो रोकर
जरुरत में अपनो का होना भी अपना नहीं लगता
जिम्मेदारियों की तरफ कुछ लोग दे रहे हैं धक्का
इस जमाने में एक तेरा ही प्यार था सच्चा
कर के हर रिश्ते के धागो को कच्चा
रोता छोड़ गई वो अपना बच्चा।।
-
उसे पसंद न आई मासुमियत मेरी
कहां समझदार बनो
कभी कहां समझदार तो हो तुम।
थोड़ी चालाक बनो
औरो ने कहां ज़्यादा चालाक मत बनो
हम वाकिफ़ है तुमसे
फिर,,,,,
उसने कहां जैसा कहां जाए
वैसा करो ,
ऐसा करो
सबकी पसंद बनो तुम।
सूरज जैसे चमकना नही है
बस तुम,,,,,
सुबह की पहली किरन बनो
चाद बनकर जगमगाना नही है
लेकिन हर रात का चांद बनो तुम।
अब काफी समय हो गया है
हमारी उम्मीदों पर खरी नही
थोडी तो खास बनो तुम।
मुझसे पूछ रहे है लोग
क्या से क्यों तक आ रही हो
देखो,,,,
सवाल मत बनो
बेहिसाब मत बनो
शरुआत हमारी अच्छी थी
पहले जैसी न सही कुछ तो लाज रखो
सहम जाओ थोड़ा
रूक जाओ थोड़ा मासूम बनो तुम।। 2
-
रखे थे सम्भाल के पुरानी यादो को कही
अब तो वो भी धुधंली होने लगी
वक्त इतना बदल गया या खो गए है हम कही
धुढ़ने लगते है हम खुद को दूसरो मे यूही
ये कल तो हमारा था, वो कल होगा या नही
-
थोडे हम, थोडी तुम्हारी बाते हो जाऐ
बारिश के मोसम मे थोडी चाय हो जाए।
तेरी अदाओ के दीवाने तो है ही हम
सोचा है दीवांगी मे हद से पार हो जाऐ।।-
May u loves the way that I love this may
Bcz it comes wth season of spring....
hope of celebrate this month like a king....
King of events, mother's Day and a wish of birthday gift may be a ring...
Ding ding.....-
शतरजं मे हार गऐ वो लोग जो दिल से खेले है
दिमाग से खेलने वाला ही खिलाडी निकला है
और इतिहास भी गवाह है
अच्छे लोगो की कब्र वो उपर वाला भी
जल्दी खौलता है।।-
Jo saha nahi gya wo keh dia...
Jo Kha n gya wo likh dia...
Antar bs itna h kehne m vapas chot mili...
Or likhne m mila sukoon....-
रोज एक नया ख्वाब दिखाती।
फिर हकीकत का दरवाजा दिखाती है।
रोज नऐ चेहरे दिखाती है यह आखें।
फिर पुराने रिशतो से मिलवाती है यह आखें।
किसी एक की नजर से नजर चुराती है यह आखें।
फिर उसी को देखना चाहती है यह आखें।।-