करना है मुझे नई शुरूवात कहा से करू शुरुआत कहीं नहीं है कोई आस डरता हूं कुछ ना हो जाएं ख़राब पर करना है शुरुआत करते है मुझसे सब यही आस करेगा नई शुरुआत पर मन है उदास की बेकार ना हो उनकी आस रखना है मुझे विश्वास और करनी है नई शुरुआत
कहता हूं चल छोड़ ये शराब । क्योंकि शराब से हो जाती जिंदगी ख़राब। मत कर अपनी आदत ख़राब नहीं तो रिश्ते हो जायेगे ख़राब छोड़ ये शराब । चल छोड़ उन बेकार साथियों को जो तुझे करते है ख़राब बस छोड़ ये शराब।
likhna chahta hu kuch khas par man he udas yhi he aas kuch to man me aaye khas or likh du special aaj par man he kahfi udas sayad ab nhi likh pauga aaj par kal likuga kuch khas or sayad kal na rhe man udas
क्या में लिखता हूं इतना ख़राब। कोई नहीं देता जबाव। जब कोई नहीं देता जबाव। लगता बहुत ख़राब। पर कहता हूं में इतना जनाब । कोई दे या ना दे जबाव लिखता रहूंगा। चाहे कोई भी बोले कितना भी ख़राब।
पहला दिन ऐसे ना जाने होगा कैसा। डरता है मन कहीं हो ना जाए धोखा। पता नहीं इस घर में होगा कौन कैसा । पर कहे मन ऐसा चाहे घर हो कैसा । करना है कुछ ऐसा घर हो जाए नए जैसा।
चलना है मुझे है आज चाहे हो जाए रात। ना है किसी का साथ पर मुझे चलना है कैसे भी हो हालात। पर कहता हूं दिल से ये बात फ़िर से नहीं आना इस रास्ते भले ही कैसे बन जाए हालात। बस यही है अरदास किसी के ना हो मेरे जैसे हालात।
कसूर इतना है कि लगाई हमने जमात । और कर दिया हमें हिन्दू से दुरदराज । करते है हम नया आगाज रहेंगे अब से दूरदराज। नहीं मनाएंगे ईद साथ साथ। बंद करो करना ये राजनीति आप। क्योंकि नहीं कर पाओगे हमको अलग आप और रहेंगे हिन्दू मुस्लिम रहेंगे हमेशा साथ साथ।।