मोहब्बत की बाते अब मुझसे नहीं होती,
उसकी अदाओं ने सब कुछ भुला दिया।-
बेटा - लोग मुझे चिल्लाते है,डांटते है,भगाते है,मज़ाक उड़ाते है।
मां - वो सब पागल है!तेरी उनको कदर नही है,जब तू बड़ा होके पुलिस वाला बनेगा उन सब को जेल में बंद कर देना।
बेटा - हां मां सब को बंद कर दूंगा, मां मुझे भूंक लगी है!
मां - आजा मेरा बेटा तुझे गरम गरम खाना खिलाती हूं।
-
सिर पे टोपी माथे पे टीका
धर्म गुरु परेशान है
किस इंसान से है सीखा।
वाणी जय राम की है, लहज़ा सलाम का है
चाल ढाल से लगता नही कि ये बच्चा इंसान का है।
टीका से राम टोपी से रहीम लगता है
खड़ा दूर है,लेकिन दिल के करीब लगता है।
अब तो ऊपर वाले ने भी फ़र्क खतम कर दिया है
त्योहार भी एक दिन कर दिया है।
दोनो के पकवान में स्वाद एक कर दिया है
हलवा राम को और गुझिया रहीम को दिया है।-
मैं तुमसे दूर न जाऊंगा
बस तुम एक बात मान जाओ।
मेरी बातों में ज़िक्र
और मेरी ज़िंदगी में एक किरदार बन जाओ।-
अपनों को संभालते संभालते,अल्फाज़ खो गए हैं
सब के दिल में मोहब्बत तो पैदा कर दूं।
खोए अल्फाज़ वापस आ जाएंगे।-
पहली बार प्यार हुआ,
अच्छा हुआ अपनी वाली से हुआ।
न फोन कॉल का tension,
न स्टोरी में mention
बस वक्त पे घर में पहुंच जाना
नही तो उसका सिर में चढ़ जाना।
इन्ही बातों का ख्याल रखना है,
उससे ज़्यादा अपने मुंह पे सवाल रखना है।
सवाल उसका हुआ, जवाब कोई न दे पाएगा
अगले दिन मेरे बदन दर्द का इलाज कोई न कर पाएगा।-
मोहब्बत करने वालों के लिए बहोत लिखा है,
अब मेरी बारी है इज़हार करने की।
हंसते हुए चेहरों को अकेले में रोते हुए देखा है,
अब खुद को उसकी याद में तड़पते हुए देखा है।
सच है मोहब्बत में नींद नही आती है,
अब खुद को रात भर जगते हुए देखा है।-
मुझे अपने करीब मत बुलाओ
आ गया तो कुछ लेके जाऊंगा।
तुम्हारी जान या तुम्हारी शान।-
तुम्हारी हंसी में,मेरी खुशी है,
तुम हंसती रहो,मैं खुश रहूंगा।
तुम्हारी मेरे पास न होने कमी है,
तुम दूर रहो,मैं करीब आता रहूंगा।
तुम्हारी बातों से मेरे चेहरे पे मुस्कान रहती है,
तुम बोलती रहो,मैं सुनता रहूंगा।-
आगाज़-ए-मोहब्बत है, इज़हार कैसे करूं।
थोड़ा और वक्त देदो
इस मोहब्बत पे ऐतबार कैसे करूं।-