समझौते से चल रही जिंदगी, तो अकेले रहना बेहतर है
कितना भी समझा लो खुद को, यहाँ हर कोई बेख़बर है।
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कुछ छूटा है जिंदगी में जिसका अब मलाल नही,
पैरों से चलके नापी है दुरियाँ ये जहाँ आसान नही।-
जिनके लिए चले थे सफ़र पर वो तो रास्ते मे छोड़ गए,
रास्ता कहीं भी ले चले मंज़िलो से अब कोई वास्ता नही।-
अब वो मेरे सफ़र का हिस्सा नही, न मै उसका राही हूं
बहुत अरसे से कोई मेरा नही, बस अकेला मुसाफिर हूं।-
यादे ही हमेशा साथ चलती रहेंगी जैसे भी रहे ज़िन्दगी,
निकल चला बंदा बस दुनिया हमेशा साथ नही रहेगी।-
जुनून सा है खुद की मेहनत में जो ज़ाया नही जाएगी,
मिलेगी सभी को मंज़िल जब समय की बारी आएगी।-
कुछ हासिल न हुआ फिर भी उम्मीदें हज़ार रखता हूं,
निकल जाता है वक़्त बस मुस्कुराहटे ज़िंदा रखता हूं।-
जब सीख जाता है इंसान यहां कैसे मंज़िल को पाना है,
जब नापता है पैरों से ज़िन्दगी बस सफर याद रहता है।-
इंतज़ार रहा उसका जो मिला नही ज़िन्दगी में,
जो यूं चला सफ़र मेरा खो गई उम्मीद रास्तों में।-