क्या मिला,
सीधे मुँह बात भी नहीं की
कर लो जितना करना है उसके लिए
अंत में मरने के लिए जगह ढूंढोगे
वो भी नहीं मिलेगा
हद से ज्यादा प्रेम भी
घृणा की वजह बन जाता है
तुम जिसको खुश देखना चाहते हो न
वो तुम्हारे बिना ही खुश है
तुम्हारा उसके प्रति
इतना धैर्य, प्रेम, ईमानदारी
कुछ काम नहीं आएगा-
ज़िन्दगी के कुछ तजुर्बे लिखने की कोशिश करता हूँ।।
मेरी डायरी में उसका ... read more
मैं कहीं जा रहा हूँ
हो सके शायद आने में देर हो जाए
कुछ दिन कुछ साल लग जाए
खोजना मत
और हा
अगली बार अच्छा इंसान बन कर आऊंगा
तुमको हमसे कोई शिकायत नहीं होगी ।-
मत लगाओ मरहम इन ज़ख्मों पर
जल्दी भर जाएंगे घाव तो फिर
जिंदगी का मजा किस बात का
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कुछ दिन और गुज़र जाएंगे
यूँही तेरे ख़्वाब देखते देखते
अंज़ाम से मैं अपने वाकिफ हूँ
यूँही नहीं उम्र गुज़ार दी मैंने
तेरा इंतेज़ार करते करते-
मैं ऐसे मुकाम पर हूं
मर गया तो शायद जन्नत मिल जाए
और अगर जिंदा रह गया तो जहन्नम-
कोई हादसा क्यों नही होता मेरे साथ
ये मौत मुझको क्यों नही गले लगाती
बेरंग जिंदगी में कौन रंग भरेगा
क्यों कोई हमको अपना समझेगा-
खुद को ज़ख्म देते है
खुद ही मरहम लगाते है
मैं रोज इंतजार करता हूं
न वो आती है न मौत-
मैंने कभी खुद को नही चुना
सबसे पहले तुम
फिर तुम्हारी खुशी
फिर तुम्हारी नाराजगी
फिर तुम्हारी इच्छाएं
फिर तुम्हारी ढेर सारी बाते
और तुम्हारा
लंबा इंतजार बस-
कुछ तस्वीरे, थोड़ी उम्मीद , लंबा इंतजार और धैर्य
ये आखिरी कुछ चीजे थी उसके पास
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