Mohd Ashfak Khan   (मोहम्मद अशफ़ाक़ खान)
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लिखने को बहुत कुछ है
मगर यही लिखूंगा की
कुछ दिनों से लिखना सिख रहा हूँ
Joined 24 August 2020


लिखने को बहुत कुछ है
मगर यही लिखूंगा की
कुछ दिनों से लिखना सिख रहा हूँ
Joined 24 August 2020
23 JAN 2022 AT 21:31

तुम आवाज दो हम भागे चले आयेंगे
दिल से याद करो तुम्हारे सामने नजर आयेंगे
तुम एक बार कहे कर तो देखो
सारी हद सरहदों को तोड़ चले आयेंगे
तुम आवाज दो हम भागे चले आयेंगे

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23 JAN 2022 AT 21:26

हम तुमसे नही तुम्हारी रुसवाई से डरते है
हम ना कल डरे थे किसी से ना आज डरते है
हम कल भी तुमसे मोहब्बत करते थे
और आज भी मोहब्बत करते हैं

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22 JAN 2022 AT 23:01

पैसे से मोहब्बत नही बिकती
पैसे से इबादत नही बिकती
पैसे से ईमान नही बिकता है
पैसे से इस्लाम नही बिकता है
पैसे से मुसलमान नही बिकता है
पैसा तो एक नाम का बहाना है
गलत जो काम करे
उसका नर्क ही ठिकाना है।

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22 JAN 2022 AT 22:05

जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है
तेरी पलके बारिश बन के
रिम झीम अश्क बहती हैं
तू ही तो है जिसकी याद
पल पल मुझे तड़पती है
जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है
तेरी बालों की खुश्बू
मेरी सांसों को महकती है
जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है
तेरी वो मुस्कुराहट
मेरे दिल को घायल कर जाती है।
जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है
तेरी आंखों में मेरी
तस्वीर नजर यू आती है
जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है
मैं क्या करू तारीफ तेरी
पारियों सी सुंदर लगती हो
तेरी एक मुस्कुराहट पर
मेरी जान यू जाती है
जब जब बारिश आती है
तेरी याद सताती है ।

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20 MAR 2021 AT 23:13

दिलो में अरमान बाकी हैं
अभी जिंदा हूँ जान बाकी है
जो समझते हैं मुझे मुर्दा
उनसे कहे दो
अभी उनका अरमान बाकी है

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17 DEC 2020 AT 20:35

ठंड का हाल है कुछ ऐसा
ना जीने देती है ना मरने देती है
ठंड में हम बन जाते हैं कुल्फी
कोई तो चखो हमे
की हम में कितना टेस्ट है
ठंड की कुल्फी का मज़ा ही अलग है
दोस्तो घर से बाहर निकलो
और ठंड का मज़ा लो।

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15 NOV 2020 AT 22:34

दिल लगी से दिल लगाया
दिल लगी से घर गया
दिल लगी न मुझसे बोली
दिल लगी पे मर गया

Dil lagi se dil lagaya
Dil lagi se ghar gaya
Dil lagi na mujse boli
Dil lage pe mar gaya.

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11 OCT 2020 AT 23:44

दार पे खेंचोगे सूली पे चढ़ा दोगे मुझे,
इक तबस्सुम के लिये कितनी सज़ा दोगे मुझे !
मैं वो शोला हूँ जो हर लम्हा लपक सकता हूँ,
नक्श बर आब नहीं हूँ कि मिटा दोगे मुझे !

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10 OCT 2020 AT 19:44

ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं
तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं !
नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था
यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं !

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5 OCT 2020 AT 20:06

हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते
मगर जीना मुश्किल है तुम्हरे बिना ।

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